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Nifty Metal लगातार 5 दिनों में 2.72% चढ़ा, NMDC से Tata Steel तक कई शेयरों में रैली, क्या है वजहें?

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड December 23, 2025, 14:46 IST

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सारांश

Nifty Metal में शामिल शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी NMDC में हो रही है और यह 4.28 फीसदी उछल गया है। इसके अलावा Lloyds Metals और SAIL में भी 2% से ज्यादा की बढ़त है। Hindustan Copper, Jindal Steel, Tata Steel के शेयर भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ ट्रेड करते दिखे।

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Metal stocks

Metal stocks: मेटल शेयरों में लगातार हो रही इस खरीदारी के पीछे एक अहम कारण अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीद है।

Nifty Metal: मेटल शेयरों में तेजी का सिलसिला आज 23 दिसंबर को लगातार पांचवें कारोबारी दिन जारी है। इस दौरान इस इंडेक्स में 2.72% या 284 अंकों की तेजी आ चुकी है। आज की बात करें तो Nifty Metal इंडेक्स 0.74 फीसदी की बढ़त के साथ 10747.75 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। रिपोर्ट लिखे जाने के समय इंडेक्स में शामिल 15 में से 13 शेयर हरे निशान पर ट्रेड कर रहे थे। मेटल शेयरों में लगातार हो रही इस खरीदारी के पीछे एक अहम कारण अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीद है। इसके अलावा और भी कई फैक्टर्स जिम्मेदार हैं।
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NMDC समेत इन शेयरों में तेजी

आज Nifty Metal में शामिल शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी NMDC में हो रही है और यह 4.28 फीसदी उछल गया है। इसके अलावा Lloyds Metals और SAIL में भी 2% से ज्यादा की बढ़त है। Hindustan Copper, Jindal Steel, Tata Steel, Welspun Corp और Hindustan Zinc के शेयर भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ ट्रेड करते दिखे।

क्या है मेटल शेयरों में लगातार खरीदारी की बड़ी वजहें

अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीद एक बड़ा कारण है। माना जा रहा है कि US का केंद्रीय बैंक (Fed) आने वाले समय में ब्याज दरें कम कर सकता है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो मेटल की कीमतें बढ़ती हैं, और इसका फायदा मेटल कंपनियों को मिलता है।

चीन की नीतियां भी मदद कर रही हैं। चीन सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, रिन्यूएबल एनर्जी और शहरों के विकास पर ज्यादा खर्च कर रही है। इससे स्टील, कॉपर, एल्यूमिनियम और जिंक की मांग बढ़ रही है। भले ही चीन का रियल एस्टेट सेक्टर कमजोर हो, लेकिन सरकारी खर्च से मेटल की डिमांड बनी हुई है।

सप्लाई कम, लेकिन मांग ज्यादा

मेटल की सप्लाई कम है, जबकि मांग ज्यादा है। कॉपर, एल्यूमिनियम और सिल्वर जैसे मेटल्स की उपलब्धता सीमित है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन (EV), सोलर एनर्जी और नई टेक्नोलॉजी में इन मेटल्स की जरूरत लगातार बढ़ रही है, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। डॉलर कमजोर होना भी मेटल के लिए अच्छा है। जब US डॉलर कमजोर होता है, तो मेटल जैसी चीजें महंगी होती हैं। इसके अलावा, नई खदानें खोलना मुश्किल हो गया है और लागत भी बढ़ी है, इसलिए सप्लाई जल्दी नहीं बढ़ पा रही।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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