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  1. Nephrocare Vs Park Medi World IPO: कमाई से लेकर ग्रोथ प्लान तक, बिजनेस की पटरी पर किसका दौड़ रहा पहिया?

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Nephrocare Vs Park Medi World IPO: कमाई से लेकर ग्रोथ प्लान तक, बिजनेस की पटरी पर किसका दौड़ रहा पहिया?

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 09, 2025, 09:13 IST

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सारांश

Nephrocare Vs Park Medi World IPO: शेयर बाजार में कल हेल्थकेयर सेक्टर का 'डबल धमाका' होने वाला है। नेफ्रोकेयर 871 करोड़ और पार्क मेडी वर्ल्ड 920 करोड़ रुपये जुटाने आ रही है। एक तरफ स्पेशलाइज्ड डायलिसिस का बिजनेस है तो दूसरी तरफ मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल का भरोसा। जानिए कमाई, ग्रोथ और पैसों के इस्तेमाल के मामले में कौन सी कंपनी बाजी मार रही है।

Upcoming IPOs, 10 dec

नेफ्रोकेयर हेल्थ और पार्क मेडी वर्ल्ड के आईपीओ 10 दिसंबर से खुल रहे हैं।

शेयर बाजार के निवेशकों के लिए कल यानी 10 दिसंबर का दिन बेहद खास होने वाला है। हेल्थकेयर सेक्टर की दो दमदार कंपनियां नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज (NephroPlus) और पार्क मेडी वर्ल्ड (Park Medi World) एक साथ अपना आईपीओ लेकर आ रही हैं। दोनों ही इश्यू 10 दिसंबर को खुलेंगे और 12 दिसंबर को बंद होंगे। निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इन दोनों में से 'असली हीरो' कौन है और किसका बिजनेस मॉडल लंबी रेस का घोड़ा साबित होगा? आइए, दोनों कंपनियों की पूरी कुंडली खंगालते हैं।

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1. पार्क मेडी वर्ल्ड (Park Medi World)

पार्क मेडी वर्ल्ड एक स्थापित नाम है जो उत्तर भारत में अस्पतालों की बड़ी चेन चलाता है।

बिजनेस मॉडल: कंपनी मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल चलाती है। इनके पास करीब 14 अस्पताल और 3,250 बेड की क्षमता है, जिसमें हरियाणा में इनकी पकड़ सबसे मजबूत है।
आईपीओ का गणित: कंपनी 920 करोड़ रुपये जुटा रही है। इसका प्राइस बैंड 154 रुपये से 162 रुपये तय किया गया है।
निवेश और लॉट साइज: रिटेल निवेशकों को कम से कम 92 शेयरों का एक लॉट खरीदना होगा, जिसके लिए 14,904 रुपये का निवेश करना होगा।
पैसों का इस्तेमाल: आईपीओ से मिले पैसों में से 380 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में जाएंगे। इसके अलावा 60.5 करोड़ रुपये से एनसीआर (NCR) में एक नया अस्पताल बनाया जाएगा और बाकी पैसे नई मेडिकल मशीनें खरीदने में लगेंगे।
कमाई की रफ्तार: वित्तीय सेहत की बात करें तो कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (H1) में 808.7 करोड़ रुपये की कमाई (Revenue) की है और 139.1 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है।

2. नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज (Nephrocare Health)

दूसरी तरफ नेफ्रोकेयर है, जो 'नेफ्रोप्लस' (NephroPlus) ब्रांड के तहत काम करती है। यह भारत की सबसे बड़ी डायलिसिस नेटवर्क कंपनी है।

बिजनेस मॉडल: यह कंपनी एक खास बीमारी (किडनी/डायलिसिस) पर फोकस करती है। इनके पास भारत और विदेशों (जैसे उज्बेकिस्तान, फिलीपींस) को मिलाकर 519 क्लीनिक हैं।
आईपीओ का गणित: इस इश्यू का साइज 871 करोड़ रुपये है। इसका प्राइस बैंड थोड़ा महंगा है, 438 रुपये से 460 रुपये प्रति शेयर।
निवेश और लॉट साइज: यहां रिटेल निवेशक को कम से कम 32 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी, यानी न्यूनतम निवेश 14,720 रुपये होगा।
पैसों का इस्तेमाल: कंपनी 136 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में और 129 करोड़ रुपये नए डायलिसिस सेंटर खोलने में खर्च करेगी।
कमाई की रफ्तार: कंपनी की ग्रोथ शानदार दिख रही है। वित्त वर्ष 2025 में इनका मुनाफा लगभग दोगुना होकर 67 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि रेवेन्यू 33.5% बढ़कर 755.8 करोड़ रुपये हो गया है।

असली हीरो कौन?

अगर तुलना करें, तो पार्क मेडी वर्ल्ड उन निवेशकों के लिए 'हीरो' हो सकती है जो एक बड़े, स्थापित और मुनाफे वाले पारंपरिक हॉस्पिटल बिजनेस पर दांव लगाना चाहते हैं। इनका रेवेन्यू बेस बड़ा है और ये बेड क्षमता (Bed Capacity) बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। वहीं, नेफ्रोकेयर एक 'हाई ग्रोथ' वाला खिलाड़ी है। यह एक स्पेशलिस्ट कंपनी है जिसका मॉडल एसेट-लाइट (कम खर्च वाला) है और यह तेजी से नए शहरों और देशों में फैल रही है। अगर आप रिस्क लेकर भविष्य की तेज ग्रोथ (खासकर किडनी केयर की बढ़ती मांग) को देख रहे हैं, तो नेफ्रोकेयर बाजी मार सकती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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