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मार्केट न्यूज़

Nephrocare Health IPO: 871 करोड़ का IPO खुला, कम दिख रही इसमें निवेशकों की दिलचस्पी

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 11, 2025, 07:45 IST

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सारांश

नेफ्रोप्लस ब्रांड के तहत डायलिसिस सेंटर चलाने वाली नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज 871 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार में उतरी है। कंपनी का आईपीओ 12 दिसंबर तक खुला रहेगा। पहले दिन के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, रिटेल निवेशकों ने केवल 4% हिस्सा सब्सक्राइब किया है।

Nephrocare Health Services IPO

Nephrocare Health Services IPO का यहां देखें डीटेल्स

हेल्थकेयर सेक्टर की प्रमुख कंपनी नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज का आईपीओ आज 10 दिसंबर से निवेशकों के लिए खुल गया है। हालांकि शेयर बाजार में इस आईपीओ की शुरुआत काफी सुस्त रही है। पहले दिन के शुरुआती आंकड़ों ने यह बता दिया है कि निवेशक फिलहाल देखो और इंतजार करो की रणनीति अपना रहे हैं। कंपनी बाजार से कुल 871 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, लेकिन सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट के रुझान अभी उत्साहजनक नहीं हैं।

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पहले दिन का हाल और निवेशकों की दूरी

आईपीओ खुलने के कुछ ही घंटों बाद 10 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक के आंकड़ों के मुताबिक नेफ्रोकेयर का इश्यू कुल मिलाकर सिर्फ 0.03 गुना ही सब्सक्राइब हो पाया है। अलग-अलग कैटेगरी की बात करें तो रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से का केवल 0.04 गुना सब्सक्राइब किया है। अमीर निवेशकों यानी एनआईआई कैटेगरी में भी सुस्ती है और यह सिर्फ 0.02 गुना भरा है। सबसे ज्यादा निराशाजनक प्रदर्शन संस्थागत निवेशकों यानी क्यूआईबी की तरफ से रहा, जिन्होंने अभी तक कोई बोली नहीं लगाई है और उनका हिस्सा 0.00 गुना भरा है।

ग्रे मार्केट में पसरा सन्नाटा

आमतौर पर आईपीओ खुलने से पहले ग्रे मार्केट में हलचल होती है, लेकिन नेफ्रोकेयर के मामले में ऐसा नहीं दिख रहा। 10 दिसंबर की सुबह तक इस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी जीएमपी शून्य रुपये है। इसका मतलब है कि शेयर अपने अपर प्राइस बैंड 460 रुपये पर ही ट्रेड कर रहा है। अगर यही हाल रहा तो बाजार में इसकी लिस्टिंग बिना किसी मुनाफे या घाटे के 460 रुपये पर होने की संभावना है। निवेशकों को अभी इस शेयर में लिस्टिंग गेन की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

कंपनी का बिजनेस और पैसों का इस्तेमाल

नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज जो नेफ्रोप्लस ब्रांड नाम से मशहूर है, भारत की सबसे बड़ी डायलिसिस नेटवर्क कंपनी है। यह कंपनी किडनी के मरीजों को डायलिसिस की सुविधा देती है। इसका बिजनेस मॉडल काफी अनोखा और एसेट लाइट है यानी यह खुद की बिल्डिंग बनाने के बजाय ज्यादातर अस्पतालों के अंदर अपने सेंटर चलाती है। कंपनी के पास भारत और विदेश को मिलाकर कुल 519 डायलिसिस क्लीनिक हैं। आईपीओ से मिलने वाले ताजा पैसों का इस्तेमाल कंपनी नए डायलिसिस क्लीनिक खोलने और पुराना कर्ज चुकाने में करेगी, जिससे उनकी बैलेंस शीट मजबूत होगी।

निवेश के लिए जरूरी डीटेल्स

अगर आप इस आईपीओ में पैसा लगाने का मन बना रहे हैं, तो आपके पास 12 दिसंबर तक बोली लगाने का मौका है। कंपनी ने शेयरों के लिए प्राइस बैंड 438 रुपये से 460 रुपये प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशकों को कम से कम 32 शेयरों का एक लॉट खरीदना होगा, जिसके लिए न्यूनतम 14,720 रुपये का निवेश करना जरूरी है। बोली प्रक्रिया खत्म होने के बाद शेयरों के 17 दिसंबर को बाजार में लिस्ट होने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमरः जीएमपी एक अनौपचारिक इंडिकेटर है जो गैर-सूचीबद्ध शेयर ट्रेडिंग से हासिल होता है और मौजूदा मार्केट सेंटीमेंट को दर्शाता है। यह अस्थिर है और सेबी द्वारा विनियमित नहीं है, वास्तविक लिस्टिंग प्राइस फाइनल डिमांड, बाजार की स्थितियों और वैश्विक संकेतों के आधार पर अलग हो सकते हैं। पूर्वानुमानों की गणना ऊपरी मूल्य बैंड + जीएमपी के रूप में की जाती है।
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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