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JBM Auto के शेयरों में 13% की जबरदस्त रैली, क्या करती है कंपनी और क्यों चढ़ गए इसके शेयर?

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 24, 2025, 15:05 IST

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सारांश

JBM Auto की शुरुआत 1983 में हुई थी और आज यह ऑटोमोबाइल सेक्टर की एक जानी-मानी कंपनी बन चुकी है। कंपनी शीट मेटल पार्ट्स, टूल्स, मोल्ड्स और बस बनाती है। JBM ऑटो कई बिजनेस सेगमेंट में काम करती है। इसमें ऑटो कंपोनेंट्स और सिस्टम्स, बसें, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) शामिल हैं।

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JBM Auto

JBM Auto: प्रदूषण कम करने के लिए सरकार अब जीरो-एमिशन इलेक्ट्रिक बसों पर जोर दे रही हैं।

JBM Auto के शेयरों में आज 24 दिसंबर को करीब 13 फीसदी की शानदार तेजी आई है। इस समय यह स्टॉक BSE पर 12.82 फीसदी की बढ़त के साथ 652.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक शेयर में आई तेजी की एक बड़ी वजह भारत के शहरों में बढ़ता प्रदूषण है। प्रदूषण कम करने के लिए सरकार अब जीरो-एमिशन इलेक्ट्रिक बसों पर जोर दे रही हैं। JBM ऑटो इसी सेगमेंट में मजबूत पकड़ रखती है। आज की तेजी के साथ इसका मार्केट कैप बढ़कर 15,432.43 करोड़ रुपये हो गया है।

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JBM Auto क्या करती है?

JBM ऑटो लिमिटेड की शुरुआत 1983 में हुई थी और आज यह ऑटोमोबाइल सेक्टर की एक जानी-मानी कंपनी बन चुकी है। कंपनी शीट मेटल पार्ट्स, टूल्स, मोल्ड्स और बस बनाती है। JBM ऑटो कई बिजनेस सेगमेंट में काम करती है। इसमें ऑटो कंपोनेंट्स और सिस्टम्स, बसें, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV), EV से जुड़े पार्ट्स, EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी शामिल हैं।

यह कंपनी 2.6 अरब डॉलर के JBM ग्रुप का हिस्सा है, जिसकी मौजूदगी 10 देशों में 25 लोकेशंस पर है। कंपनी पूरी वैल्यू चेन में काम करती है और अब खुद की बसें भी बनाती है, साथ ही EV इकोसिस्टम के विकास में भी सक्रिय है।

इलेक्ट्रिक बसों की बढ़ती मांग

भारत के शहरों में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण कम करने के लिए जीरो-एमिशन इलेक्ट्रिक बसों की मांग बढ़ी है। JBM ऑटो इलेक्ट्रिक बसों और उनसे जुड़ी सुविधाओं पर काम करती है। कंपनी का बिजनेस मॉडल देश और दुनिया में प्रदूषण घटाने की जरूरत के अनुरूप है।

सितंबर 2025 में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC), जो वर्ल्ड बैंक ग्रुप की इकाई है, ने भारत में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए JBM ग्रुप को 137 मिलियन डॉलर देने का फैसला किया था। इसमें से 100 मिलियन डॉलर JBM ईकोलाइफ को दिए गए, जो भारत में ई-बसों का निर्माण और संचालन करती है। वहीं 37 मिलियन डॉलर ग्रीनसेल मोबिलिटी को दिए गए, जो एक ई-बस ऑपरेटर है। IFC के अनुसार, इन निवेशों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक बनाने और शहरी परिवहन को बेहतर करने में मदद मिलेगी।

ऑटो कंपोनेंट्स से होती है कमाई

बिजनेस के लिहाज से देखें तो JBM ऑटो की करीब 70% कमाई उसके ऑटो कंपोनेंट्स और सिस्टम्स बिजनेस से आती है। कंपनी कई तरह के ऑटो पार्ट्स बनाती है, जिन्हें बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को सप्लाई किया जाता है। हाल के वर्षों में बस और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में भी कंपनी की गतिविधियां तेज हुई हैं, खासकर इलेक्ट्रिक बसों के रिसर्च और डेवलपमेंट पर फोकस बढ़ा है।

JBM ऑटो ने गुजरात, नवी मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों की सरकारी परिवहन एजेंसियों को इलेक्ट्रिक बसें सप्लाई की हैं। इसके अलावा कंपनी EV से जुड़े पार्ट्स, EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी और पर्यावरण सेवाओं में भी काम कर रही है। JBM ऑटो की 17 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में फैली हुई हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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