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IT Stocks: Infosys, HCL Tech समेत कई शेयरों में जबरदस्त रैली, इन 5 वजहों से आईटी शेयरों में रौनक

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड October 23, 2025, 14:18 IST

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सारांश

IT Stocks: Infosys के शेयरों में तेजी इसलिए आई क्योंकि कंपनी के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप, जिसमें नंदन नीलेकणी और सुधा मूर्ति भी शामिल हैं, ने कंपनी के ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक में हिस्सा न लेने का फैसला किया। प्रमोटर्स का यह कदम कंपनी के भविष्य पर उनके भरोसे को दिखाता है।

शेयर सूची

Infosys

Infosys के साथ-साथ HCLTech, Mphasis, Persistent Systems जैसे शेयर भी आज उछल गए हैं।

IT Stocks: आज 23 अक्टूबर को आईटी शेयरों में जमकर खरीदारी देखने को मिल रही है। इसके चलते निफ्टी आईटी इंडेक्स 3.14 फीसदी उछलकर 36,406.05 के स्तर पर पहुंच गया है। सबसे ज्यादा तेजी Infosys, HCL Technologies और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसे शेयरों में नजर आ रही है। इन शेयरों में तेजी की एक अहम वजह भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की उम्मीदें हैं। निफ्टी आईटी आज सबसे ज्यादा बढ़त वाला सेक्टोरल इंडेक्स बनकर उभरा है। इसने एक महीने से ज्यादा समय में पहली बार 36,000 का आंकड़ा पार किया है।
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Infosys के प्रमोटर्स ने बायबैक से बनाई दूरी

Infosys के शेयरों में करीब 5% की तेजी देखने को मिली और यह ₹1,542.80 तक पहुंच गया। यह तेजी इसलिए आई क्योंकि कंपनी के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप, जिसमें नंदन नीलेकणी और सुधा मूर्ति भी शामिल हैं, ने कंपनी के ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक में हिस्सा न लेने का फैसला किया। एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रमोटर्स का यह कदम कंपनी के भविष्य पर उनके भरोसे को दिखाता है। साथ ही, इससे रिटेल निवेशकों के लिए बायबैक में हिस्सा मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

आईटी सेक्टर के नतीजे

Infosys के साथ-साथ HCLTech, Mphasis, Persistent Systems, TCS, Tech Mahindra, Wipro, Coforge और LTIMindtree के शेयरों में भी 2-3% तक की तेजी दर्ज की गई। HCL Tech ने अपने FY26 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस को 3-5% पर बनाए रखा है। कंपनी ने अपने सर्विसेज सेगमेंट की ग्रोथ गाइडेंस को बढ़ाकर 4-5% कर दिया है, जो देश की टॉप 5 आईटी कंपनियों में सबसे ज्यादा है।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीद

भारत और अमेरिका के बीच नई ट्रेड डील पर बातचीत चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें भारतीय निर्यातों पर लगने वाले अमेरिकी टैक्स को 50% से घटाकर 15-16% तक किया जा सकता है। इसके बदले में भारत, रूस से तेल आयात घटाने और अमेरिकी नॉन-GM कॉर्न व सोयामील को अपनी मार्केट में जगह देने पर सहमत हो सकता है। बेहतर रिश्तों से नए कॉन्ट्रैक्ट और बिजनेस के मौके बढ़ सकते हैं।

इसके अलावा, अमेरिकी प्रशासन ने साफ किया कि H-1B वीजा पर अमेरिका में पहले से मौजूद इंटरनेशनल ग्रेजुएट्स पर नया $100,000 फीस लागू नहीं होगी। इसके अलावा, पुराने H-1B वीजा धारक भी इस फीस से मुक्त रहेंगे।

अमेरिका द्वारा चीन पर सॉफ्टवेयर निर्यात रोकने की तैयारी

रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका चीन को सॉफ्टवेयर निर्यात पर रोक लगाने की योजना बना रहा है। इसमें लैपटॉप से लेकर जेट इंजन तक कई प्रोडक्ट शामिल होंगे। अगर ऐसा होता है, तो भारतीय आईटी कंपनियां इनकी सप्लायर बनकर फायदा उठा सकती हैं, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां कुछ प्रोजेक्ट्स भारत को ट्रांसफर कर सकती हैं।

फेड रेट कट की उम्मीद से बढ़ी तेजी

आईटी शेयरों में उछाल का एक और कारण है- अमेरिकी केंद्रीय बैंक (US Fed) द्वारा ब्याज दर घटाने की उम्मीद। अगली बैठक में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती कर दर को 3.75-4% तक लाया जा सकता है। कम ब्याज दर से अमेरिका में खर्च बढ़ेगा, जिससे आईटी सेवाओं की मांग भी बढ़ने की संभावना है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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