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  1. GMP के भरोसे IPO में निवेश करने वाले सावधान! Groww से Lenskart तक कई बार गलत साबित हो चुका है ग्रे मार्केट

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GMP के भरोसे IPO में निवेश करने वाले सावधान! Groww से Lenskart तक कई बार गलत साबित हो चुका है ग्रे मार्केट

Upstox

5 min read | अपडेटेड November 14, 2025, 14:56 IST

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सारांश

LG Electronics India के बाद आए कई IPOs ने खूब सब्सक्रिप्शन बटोरे। लेकिन एक दिलचस्प बात यह थी कि इन सभी IPOs का GMP काफी ऊंचा दिख रहा था। इससे निवेशकों को लगा कि लिस्टिंग पर बड़ी कमाई होगी। पर जब लिस्टिंग हुई, तो नतीजे बिल्कुल अलग निकले।

IPO GMP

NSDL, Orkla India और Tata Capital जैसे IPOs का GMP काफी अच्छा दिख रहा था, लेकिन लिस्टिंग कमजोर रही।

Grey Market: हाल ही में IPO मार्केट ने निवेशकों का खूब ध्यान खींचा है। LG Electronics India की जबरदस्त लिस्टिंग ने इसका माहौल और भी गर्म कर दिया। यह पूरा Offer-for-Sale था, लेकिन फिर भी IPO को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और यह 54 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हो गया। इसके शेयरों की लिस्टिंग 50% प्रीमियम के साथ हुई। जिन लोगों को इसका अलॉटमेंट मिला, उन्होंने सिर्फ एक दिन में मोटा मुनाफा कमाया। इस शानदार लिस्टिंग के बाद निवेशकों की दिलचस्पी IPO मार्केट में बढ़ती गई और उन्होने बड़े पैमाने पर दांव लगाना शुरू कर दिया।
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जबरदस्त सब्सक्रिप्शन के बावजूद कमजोर लिस्टिंग

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की लिस्टिंग के बाद कई और आईपीओ में जबरदस्त सब्सक्रिप्शन देखा गया। रुबिकॉन रिसर्च का आईपीओ 109 गुना से ज्यादा बुक हुआ, Midwest का आईपीओ 92.3 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि Studds Accessories IPO को 73.2 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। हाई वैल्यूएशन की चर्चा के बावजूद लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का आईपीओ 28.27 गुना बुक हो गया।

हाई सब्सक्रिप्शन के बीच निवेशकों को इन IPOs में भी बेहतर लिस्टिंग गेन की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनमें से ज्यादातर पब्लिक इश्यूज अधिक GMP के बावजूद लिस्टिंग के दिन निवेशकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।

GMP की वजह से बढ़ी उम्मीदें, लेकिन हकीकत अलग

LG Electronics India के बाद आए कई IPOs ने भी खूब सब्सक्रिप्शन बटोरे। लेकिन एक दिलचस्प बात यह थी कि इन सभी IPOs का Grey Market Premium यानी GMP काफी ऊंचा दिख रहा था। इससे निवेशकों को लगा कि लिस्टिंग पर बड़ी कमाई होगी। पर जब लिस्टिंग हुई, तो नतीजे बिल्कुल अलग निकले। कई IPOs ने उम्मीद के हिसाब से प्रीमियम नहीं दिया, और कुछ तो Issue Price से नीचे तक लिस्ट हुए।

कंपनी का नामGMP (इश्यू प्राइस के ऊपर)लिस्टिंग डे प्रदर्शनटिप्पणी
Groww₹3 प्रति शेयर12% बढ़तGMP से बेहतर लिस्टिंग गेन
LG Electronics India₹430 प्रति शेयर50% बढ़तGMP से बेहतर लिस्टिंग गेन
NSDL₹125 प्रति शेयर10% बढ़तGMP की तुलना में कमजोर लिस्टिंग
Orkla India₹66 प्रति शेयर2.7% बढ़तGMP की तुलना में कमजोर लिस्टिंग
Tata Capital₹12.5 प्रति शेयर1.2% बढ़तGMP की तुलना में कमजोर लिस्टिंग
Lenskart Solutions₹10 प्रति शेयर1.7% गिरावटइश्यू प्राइस से नीचे लिस्टिंग
Studds Accessories₹35 प्रति शेयर3.4% गिरावटइश्यू प्राइस से नीचे लिस्टिंग

कुछ IPOs में मिला पॉजिटिव सरप्राइज

Groww IPO इसका बेहतरीन उदाहरण है। लिस्टिंग से एक दिन पहले इसका GMP सिर्फ ₹3 था, जिसे देखकर लगा कि फ्लैट लिस्टिंग होगी। लेकिन Groww ने बाजार को चौंका दिया और 12% के तेज उछाल के साथ लिस्ट हुआ। इसी तरह LG Electronics India का GMP 39% लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा था, लेकिन असल लिस्टिंग गेन 50% निकला। यानी GMP से कहीं बेहतर प्रदर्शन।

कई IPOs में GMP की भविष्यवाणी गलत साबित

NSDL, Orkla India और Tata Capital जैसे IPOs का GMP काफी अच्छा दिख रहा था, लेकिन लिस्टिंग कमजोर रही। Tata Capital के लिए GMP से संकेत मिल रहा था कि 6% से ज्यादा प्रीमियम मिल सकता है, लेकिन असल में सिर्फ 1.2% प्रीमियम पर लिस्टिंग हुई। इसका मतलब GMP ने सही संकेत नहीं दिए और निवेशकों को गलत उम्मीदें बंधीं।

Lenskart व Studds Accessories: हाई GMP लेकिन कमजोर लिस्टिंग

कुछ IPOs ऐसे भी रहे जिनका GMP तो काफी हाई था, पर लिस्टिंग खराब रही। Lenskart Solutions और Studds Accessories इसका उदाहरण हैं। दोनों ही Issue Price से नीचे लिस्ट हुए। यानी GMP सकारात्मक संकेत दे रहा था, लेकिन बाजार में सेंटीमेंट पूरा उलट गया और लिस्टिंग कमजोर रही।

क्या निवेशकों को GMP पर भरोसा करना चाहिए?

GMP यानी Grey Market Premium वह अतिरिक्त राशि है जो निवेशक Issue Price से ऊपर देने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन यह ट्रेडिंग अनऑफिशियल होती है। इसे SEBI या किसी सरकारी संस्था की मंजूरी नहीं होती। यह एक ऑफ-मार्केट, अनौपचारिक सिस्टम है जहां ट्रेड निजी तौर पर किए जाते हैं। क्योंकि यह बहुत छोटे नेटवर्क में चलता है, इसलिए GMP को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है। इसलिए इसे पूरी तरह भरोसेमंद संकेत नहीं माना जा सकता। निवेशकों को जीएमपी आंकड़ों पर तभी भरोसा करना चाहिए जब उन्होंने संभावित बेनिफिट्स और रिस्क पर गहन रिसर्च, विचार और आकलन किया हो।

असल में IPO का लिस्टिंग प्राइस कैसे तय होता है?

लिस्टिंग वाले दिन सुबह 9 बजे से 10 बजे तक एक स्पेशल प्री-ओपन सेशन होता है। पहले 45 मिनट में सभी Buy और Sell ऑर्डर इकट्ठा किए जाते हैं। इन ऑर्डर्स को देखकर एक ऐसा प्राइस तय किया जाता है जिस पर सबसे ज़्यादा ऑर्डर मैच हों। यही प्राइस लिस्टिंग प्राइस कहलाता है, और 10 बजे से असली ट्रेडिंग शुरू होती है। इसका मतलब है कि असली फैसला बाजार के ऑर्डर बुक के आधार पर होता है, न कि GMP पर।

GMP सिर्फ एक संकेत, पूरी तरह नहीं किया जा सकता भरोसा

GMP केवल इस बात का संकेत देता है कि छोटे समूह के निवेशक उस IPO के बारे में क्या सोच रहे हैं। लेकिन IPO की लिस्टिंग कई बड़े फैक्टर्स पर निर्भर करती है। इनमें बाजार की स्थिति, निवेशकों की मांग, कंपनी की वित्तीय ताकत और बाजार का सेंटीमेंट जैसे फैक्टर्स शामिल हैं। इसलिए सिर्फ GMP पर भरोसा करके IPO में निवेश करना समझदारी नहीं है। बेहतर है कि आप खुद रिसर्च करें और कंपनी की गुणवत्ता और बाजार की स्थिति देखकर निवेश का फैसला लें।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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टाइमिंग पर भारी पड़ती है निरंतरता
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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