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Infosys Share Buyback: बायबैक की खबर से शेयरों में उछाल, 11 सितंबर को मिल सकती है खुशखबरी

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड September 09, 2025, 09:42 IST

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सारांश

Infosys ने 2017 में अपना पहला शेयर बायबैक किया था, जिसका मूल्य ₹13000 करोड़ था। इसके तहत कंपनी ने अपने लगभग 11.3 करोड़ शेयर खरीदे। कंपनी ने 2019 में अपने दूसरे बायबैक की घोषणा की, जब उसने ₹8260 करोड़ मूल्य के अपने शेयर खरीद लिए।

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Infosys: जब कोई कंपनी अपने ही शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदती है, तो इसे शेयर बायबैक कहते हैं।

Infosys Share Buyback: दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस जल्द ही शेयर बायबैक पर फैसला लेने वाली है। इसके लिए कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक गुरुवार, 11 सितंबर को होगी। पिछले तीन सालो में यह कंपनी का पहला बायबैक होगा। इस खबर के बाद आज 09 सितंबर को शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयरों में खरीदारी हो रही है। यह स्टॉक 3.31 फीसदी की तेजी के साथ 1480 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 6.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

Infosys ने रेगुलेटरी फाइलिंग में क्या बताया?

Infosys ने सोमवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, "इंफोसिस लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स 11 सितंबर 2025 को होने वाली बैठक में कंपनी के शेयरों की बायबैक योजना (यानी बाजार से अपने ही शेयर वापस खरीदने का प्रस्ताव) पर विचार करेगा। यह बायबैक सेबी (SEBI) के नियमों के तहत किया जाएगा।"

कंपनी ने कहा कि बैठक का फैसला उसी दिन (11 सितंबर) स्टॉक एक्सचेंज को बताया जाएगा, जैसा कि लिस्टिंग रेगुलेशंस (LODR) के नियमों में जरूरी है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह इंफोसिस का अब तक का पांचवां शेयर बायबैक होगा।

Infosys की बायबैक हिस्ट्री

Infosys ने 2017 में अपना पहला शेयर बायबैक किया था, जिसका मूल्य ₹13000 करोड़ था। इसके तहत कंपनी ने अपने लगभग 11.3 करोड़ शेयर खरीदे। कंपनी ने 2019 में अपने दूसरे बायबैक की घोषणा की, जब उसने ₹8260 करोड़ मूल्य के अपने शेयर खरीद लिए।

इंफोसिस ने 2021 में एक और ओपन मार्केट बायबैक की घोषणा की। इसका साइज ₹9200 करोड़ तय किया गया था। कंपनी ने पिछला बायबैक 2022 में किया था, जब उसने ₹1850 प्रति शेयर की दर से ₹9300 करोड़ मूल्य के शेयर वापस खरीदे थे।

क्या होता है शेयर बायबैक और कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं?

जब कोई कंपनी अपने ही शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदती है, तो इसे शेयर बायबैक कहते हैं। इसके तहत कंपनी खुद बाजार से या सीधे शेयरधारकों से शेयर खरीदकर अपनी कुल शेयर पूंजी कम कर देती है।

जब कंपनी अपने शेयर खरीद लेती है तो बाजार में शेयरों की संख्या घट जाती है। कम सप्लाई होने से शेयर का भाव अक्सर बढ़ जाता है। कई बार कंपनी के पास जरूरत से ज्यादा कैश जमा हो जाता है। ऐसे में कंपनी या तो डिविडेंड दे सकती है या शेयर वापस खरीद सकती है।

इसके तहत शेयरधारकों को उनके शेयर बेचने पर तुरंत कैश मिल जाता है। बाकी बचे शेयरधारकों को शेयर का मूल्य बढ़ने से लाभ होता है। कंपनी जब बायबैक करती है तो यह संदेश जाता है कि उसे अपने बिजनेस और शेयर की वैल्यू पर भरोसा है।

शेयरों की संख्या घटने से कंपनी का मुनाफा कम लोगों में बंटता है। इससे EPS बढ़ जाता है और निवेशकों को कंपनी ज्यादा प्रॉफिटेबल दिखती है। जिन लोगों को तुरंत पैसे चाहिए, वे कंपनी को शेयर बेच सकते हैं। जो लोग शेयर होल्ड करके रखते हैं, उन्हें भविष्य में शेयर प्राइस बढ़ने का लाभ मिल सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.