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  1. IndusInd बैंक की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, नई गड़बड़ियां आईं सामने, धड़ाम हुए शेयर

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IndusInd बैंक की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, नई गड़बड़ियां आईं सामने, धड़ाम हुए शेयर

Upstox

2 min read | अपडेटेड May 16, 2025, 10:12 IST

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सारांश

IndusInd बैंक की मुश्किलें एक के बाद एक बढ़ती ही जा रही हैं। अकाउंट्स में कुछ नई गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिसके बाद आज इंडसइंड बैंक के शेयरों पर इन्वेस्टर्स की नजरें गड़ी होंगी।

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इंडसइंड बैंक

इंडसइंड बैंक की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, नई गड़बड़ी आई सामने

प्राइवेट सेक्टर के IndusInd Bank की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को एक बार फिर इस बैंक के शेयरों पर निवेशक नजर गड़ाए हैं। शेयर करीब 2-3% गिरकर ट्रेड हो रहे हैं। इस तरह से शेयरों में 22-23 रुपये की गिरावट देखने को मिल रही है। इंडसइंड बैंक ने गुरुवार को एक्सचेंजों को बताया कि इंटरनल ऑडिट डिपार्टमेंट (IAD) द्वारा बैंक के माइक्रोफाइनेंस बिजनेस की समीक्षा में फाइनेंशियस ईयर 2024-25 की तीन तिमाहियों की इंटरेस्ट इनकम के रूप में 674 करोड़ रुपये की गलत रिकॉर्डिंग पाई गई है। 10 जनवरी तक यह अमाउंट पूरी तरह से वापस कर दिया गया था। बैंक ने एक्सचेंजों को यह भी बताया है कि व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद, ऑडिट कमेटी ने IAD से ‘अन्य परिसंपत्तियों’ और ‘अन्य देनदारियों’ के तहत दर्ज किए गए ट्रांजैक्शन की समीक्षा करने को कहा। 8 मई को एक रिपोर्ट में, IAD ने ‘अन्य परिसंपत्तियों’ अकाउंट्स में कुल 595 करोड़ रुपये की निराधार बकाया राशि का खुलासा किया, जिसे जनवरी 2025 में ‘अन्य देनदारियों’ अकाउंट्स के तहत इसी बकाया राशि के अगेंस्ट सेट किया गया था।

इंडसइंड बैंक ने शेयर मार्केट को दी एक सूचना में कहा कि बही-खाते की यह बकाया राशि आगे चलकर जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में दिखने वाली समान राशि से मिला दी गई। यह बैंक के सूक्ष्म वित्त व्यवसाय की समीक्षा के अलावा था जिसकी जानकारी ऋणदाता ने 22 अप्रैल को शेयर बाजारों को दी थी।

बैंक ने अपने खुलासे में कहा, ‘आईएडी ने इस बारे में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिका और ऐक्शन की भी जांच की है। बोर्ड आंतरिक नियंत्रण को मजबूत करने, इन खामियों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है और उचित कार्रवाई करेगा।’ बैंक ने ये खुलासे एक समाचार रिपोर्ट के बाद किए हैं जिसमें कहा गया था कि बैंक का आईएडी पिछले लेखा उलटफेरों की एक सीरीज की जांच कर रहा था, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंक के निदेशक मंडल को लिखे गए एक व्हिसलब्लोअर पत्र में चिह्नित किया गया था।

बैंक ने कहा, ‘आंतरिक ऑडिट विभाग ने 8 मई, 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसके मुताबिक, बैंक के ‘अन्य परिसंपत्तियां’ खातों में 595 करोड़ रुपये तक की बिना दस्तावेजी प्रमाण वाली राशि थी। इसे जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में नजर आने वाली समान राशि से समायोजित कर दिया गया था।’

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