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Groww IPO: निवेश का बना रहे हैं प्लान? पहले जान लें रिस्क फैक्टर्स के साथ ही कंपनी की प्रमुख ताकतें

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड November 04, 2025, 12:31 IST

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सारांश

Groww IPO के तहत 1,060 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए गए हैं। वहीं 5,572.30 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की जा रही है। इसके लिए 95-100 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। यह इश्यू 7 नवंबर 2025 को बंद होगा।

Groww IPO

Groww IPO: इसके शेयरों की लिस्टिंग 12 नवंबर 2025 को NSE और BSE पर होने की उम्मीद है।

ऑनलाइन इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures का IPO आज 4 नवंबर 2025 को खुल गया है। कंपनी का इरादा इश्यू के जरिए 6,632.30 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसके तहत 1,060 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए गए हैं। वहीं 5,572.30 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की जा रही है। इसके लिए 95-100 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। यह इश्यू 7 नवंबर 2025 को बंद होगा। इसके बाद शेयरों का अलॉटमेंट 10 नवंबर को और लिस्टिंग 12 नवंबर 2025 को NSE और BSE पर होने की उम्मीद है।

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कहां होगा फंड का इस्तेमाल?

कंपनी इस इश्यू से जुटाए गए पैसे में से लगभग ₹152.5 करोड़ क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर, ₹225 करोड़ मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर, ₹205 करोड़ अपनी NBFC शाखा (GCS) को मजबूत करने पर, और ₹167.5 करोड़ अपनी सहायक कंपनी (GIT) के MTF बिजनेस पर खर्च करेगी। बाकी राशि अधिग्रहण (acquisitions) और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

अगर आप इस आईपीओ में निवेश का मन बना रहे हैं तो कंपनी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको जान लेनी चाहिए। यहां हमने रिस्क फैक्टर्स के साथ ही कंपनी की प्रमुख ताकतों के बारे में बताया है।

Groww IPO से जुड़े रिस्क फैक्टर्स

1. बाजार की अस्थिरता: Groww का कारोबार भारतीय निवेश और वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर पर निर्भर है। अगर वित्तीय बाजारों में कोई मंदी या अस्थिरता आती है, तो इसका सीधा असर कंपनी के प्रदर्शन और मुनाफे पर पड़ सकता है।
2. रेगुलेटरी रिस्क: कंपनी पर SEBI, RBI और अन्य रेगुलेटरी संस्थाओं की निगरानी रहती है। अगर नियमों में कोई बड़ा बदलाव हुआ, तो कंपनी के ऑपरेशन पर असर पड़ सकता है।
3. टेक्नोलॉजी पर निर्भरता: Groww का पूरा बिजनेस इसके ऐप और वेबसाइट पर निर्भर है। अगर सर्वर या नेटवर्क में कोई दिक्कत आती है, तो यूजर्स को परेशानी हो सकती है और कंपनी की साख पर असर पड़ सकता है।
4. ग्राहक पर निर्भरता: Groww की सफलता इस पर निर्भर है कि वह कितने नए ग्राहकों को जोड़ पाती है और उन्हें लंबे समय तक प्लेटफॉर्म पर बनाए रख पाती है। अगर ग्राहक घटते हैं, तो मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
5. मुनाफा: कंपनी ने FY24 में नुकसान झेला था, हालांकि FY23, FY25 और जून 2025 तिमाही में मुनाफा हुआ। अगर रेवेन्यू बढ़ाने या खर्च नियंत्रण में दिक्कत आई, तो लगातार मुनाफा बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

Groww की प्रमुख ताकतें

Groww भारत में एक जाना-पहचाना और भरोसेमंद इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है। Google Trends और NSE के आंकड़ों के मुताबिक FY25 में इसकी सर्च लोकप्रियता टॉप 10 ब्रोकर्स में सबसे अधिक रही। कंपनी के अनुसार, 77.7% ग्राहक तीन साल बाद भी सक्रिय रहते हैं। Groww ने अपनी अधिकतर तकनीक खुद विकसित की है, जिससे लागत कम रहती है और नए फीचर जोड़ना या नियमों के हिसाब से बदलाव करना आसान हो जाता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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