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कोरोना रेमेडीज का जलवा, वेकफिट पड़ी सुस्त, जानें दूसरे दिन किस IPO पर है निवेशकों की नजर

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 09, 2025, 13:44 IST

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सारांश

आईपीओ बाजार में दो अलग-अलग तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। कोरोना रेमेडीज का आईपीओ दूसरे दिन ही 4 गुना से ज्यादा भर गया है, जबकि वेकफिट अभी भी निवेशकों का इंतजार कर रही है। कोरोना रेमेडीज के शेयर पर 23 फीसदी मुनाफे के संकेत हैं, वहीं वेकफिट का प्रीमियम सिर्फ 5 रुपये चल रहा है।

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कोरोना रेमेडीज के आईपीओ में निवेशकों ने दूसरे दिन जबरदस्त उत्साह दिखाया है

शेयर बाजार में इस समय दो आईपीओ खुले हुए हैं और दोनों की चाल बिल्कुल अलग दिशा में जाती दिख रही है। एक तरफ फार्मा सेक्टर की कंपनी कोरोना रेमेडीज है जिस पर निवेशक दिल खोलकर पैसा लुटा रहे हैं, तो दूसरी तरफ गद्दे और फर्नीचर बेचने वाली कंपनी वेकफिट इनोवेशन है जिसकी रफ्तार दूसरे दिन भी काफी धीमी नजर आ रही है। 9 दिसंबर को दोपहर तक मिले सब्सक्रिप्शन के आंकड़े बताते हैं कि निवेशकों को फार्मा कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रे मार्केट प्रीमियम में ज्यादा दम दिखाई दे रहा है।

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कोरोना रेमेडीज पर पैसों की बारिश

कोरोना रेमेडीज के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। दूसरे दिन यानी 9 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 19 मिनट तक यह आईपीओ कुल 4.13 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। सबसे ज्यादा उत्साह अमीर निवेशकों यानी एनआईआई (NII) कैटेगरी में देखने को मिला है। यह हिस्सा 10.14 गुना भर चुका है, जो बताता है कि बड़े निवेशक इस शेयर को लेकर कितने बुलिश हैं। रिटेल निवेशकों ने भी पीछे मुड़कर नहीं देखा है और उनका हिस्सा 3.91 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। हालांकि क्यूआईबी (QIB) का हिस्सा अभी केवल 0.08 गुना ही भरा है, लेकिन आमतौर पर संस्थागत निवेशक आखिरी दिन ही अपनी बोली लगाते हैं।

ग्रे मार्केट में 23 फीसदी मुनाफे की गूंज

सिर्फ सब्सक्रिप्शन ही नहीं, ग्रे मार्केट में भी कोरोना रेमेडीज का सिक्का चल रहा है। 9 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक के अपडेट के मुताबिक इसका जीएमपी 250 रुपये पर पहुंच गया है। कंपनी ने प्राइस बैंड 1062 रुपये तय किया है। अगर इसमें जीएमपी जोड़ दें तो अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 1312 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि जिन निवेशकों को यह शेयर मिलेगा, उन्हें पहले ही दिन करीब 23.54 फीसदी का शानदार मुनाफा हो सकता है। यह आंकड़ा मौजूदा बाजार के माहौल में काफी आकर्षक माना जा रहा है।

वेकफिट की रफ्तार सुस्त

दूसरी तरफ वेकफिट इनोवेशन के आईपीओ को निवेशकों को लुभाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। दूसरे दिन दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक यह इश्यू कुल मिलाकर सिर्फ 0.30 गुना ही सब्सक्राइब हो पाया है। यानी अभी यह आधा भी नहीं भरा है। रिटेल निवेशकों ने थोड़ी रुचि दिखाई है जिससे उनका कोटा 1.42 गुना भर गया है, लेकिन बड़े निवेशकों की तरफ से अभी सन्नाटा है। एनआईआई कैटेगरी में सिर्फ 0.16 गुना बोली आई है और क्यूआईबी का हिस्सा तो अभी पूरी तरह खाली (0.00 गुना) है।

वेकफिट में मुनाफे की गुंजाइश कम

वेकफिट के लिए ग्रे मार्केट से भी कोई उत्साहजनक संकेत नहीं मिल रहे हैं। 9 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक इसका जीएमपी केवल 5 रुपये चल रहा था। 195 रुपये के प्राइस बैंड के हिसाब से इसकी लिस्टिंग 200 रुपये के आसपास होने का अनुमान है। यानी निवेशकों को सिर्फ 2.56 फीसदी का मामूली मुनाफा होने की उम्मीद है। इतनी कम कमाई की उम्मीद और धीमे सब्सक्रिप्शन ने वेकफिट के आईपीओ को कोरोना रेमेडीज के मुकाबले काफी कमजोर साबित कर दिया है। अब देखना होगा कि आखिरी दिन क्या वेकफिट कोई चमत्कार कर पाती है या नहीं।

डिस्क्लेमरः जीएमपी एक अनौपचारिक इंडिकेटर है जो गैर-सूचीबद्ध शेयर ट्रेडिंग से हासिल होता है और मौजूदा मार्केट सेंटीमेंट को दर्शाता है। यह अस्थिर है और सेबी द्वारा विनियमित नहीं है, वास्तविक लिस्टिंग प्राइस फाइनल डिमांड, बाजार की स्थितियों और वैश्विक संकेतों के आधार पर अलग हो सकते हैं। पूर्वानुमानों की गणना ऊपरी मूल्य बैंड + जीएमपी के रूप में की जाती है।
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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