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सरकार ने IREDA बॉन्ड को दिया टैक्स-सेविंग दर्जा, ग्रीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट्स को मिलेगा बढ़ावा

Upstox

2 min read | अपडेटेड July 10, 2025, 17:03 IST

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सारांश

यह अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी। अधिसूचना के अनुसार, पांच सालों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना डेट को या उसके बाद IREDA द्वारा जारी किए गए बॉन्ड इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए पात्र होंगे, जो निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर कैपिटल गेन्स टैक्स में छूट देता है।

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IREDA

सरकार ने IREDA बॉन्ड को दिया टैक्स-सेविंग दर्जा

वित्त मंत्रालय के अधीन Central Board of Direct Taxes (CBDT) यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (Indian Renewable Energy Development Agency Ltd, IREDA)) द्वारा जारी बॉन्ड को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत 'दीर्घकालिक निर्दिष्ट परिसंपत्ति' (long-term specified asset) के रूप में अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी। अधिसूचना के अनुसार, पांच सालों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना डेट को या उसके बाद IREDA द्वारा जारी किए गए बॉन्ड इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए पात्र होंगे, जो निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर कैपिटल गेन्स टैक्स में छूट देता है।

इन बॉन्ड से मिले फंड का इस्तेमाल खासतौर से उन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जाएगा जो अपने प्रोजेक्ट रेवेन्यू के जरिए लोन चुकाने में सक्षम हैं, और उन्हें लोन चुकाने के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पात्र निवेशक एक वित्तीय वर्ष में इन बॉन्ड्स में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) पर टैक्स बचा सकते हैं। IREDA को निधियों की कम लागत का फायदा मिलेगा, जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, और बदले में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के तीव्र विकास को समर्थन प्रदान करेगा।

अधिसूचना का स्वागत करते हुए, IREDA के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री प्रदीप कुमार दास ने कहा, ‘हम इस बहुमूल्य नीतिगत पहल के लिए वित्त मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रति अत्यंत आभारी हैं। सरकार द्वारा यह मान्यता देश में नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण में तेजी लाने में IREDA की महत्वपूर्ण भूमिका को पुष्ट करती है। हमारे बॉन्ड को टैक्स-फ्री दर्जा मिलने से न केवल एक आकर्षक निवेश अवसर मिलेगा, बल्कि हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पूंजी की उपलब्धता भी बढ़ेगी, जिससे 2030 तक भारत की 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य में योगदान मिलेगा।’ इस पहल से कर-बचत साधनों की तलाश करने वाले निवेशकों की व्यापक भागीदारी आकर्षित होने और देश में नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण इको-सिस्टम को मजबूत करने की उम्मीद है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।