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CEAT, MRF समेत कई शेयर चढ़े, GST रेट कट का असर, अब टायर कंपनियों ने भी दाम घटाने शुरू किए

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 15, 2025, 13:56 IST

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सारांश

GST काउंसिल ने नए Pneumatic टायरों पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। वहीं, ट्रैक्टर टायर और ट्यूब पर 5% की दर से जीएसटी लगेगा। कंपनी ने आगे बताया कि नई GST दरों के अनुसार उसके टायर्स की कम कीमतें 22 सितंबर 2025 से सभी सिएट प्रोडक्ट्स पर लागू होंगी।

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tyre stocks

CEAT ने शुक्रवार को अपने सभी प्रोडक्ट्स की कीमतें घटाने का ऐलान किया।

Tyre Stocks: सिएट लिमिटेड (CEAT) और अन्य टायर कंपनियों के शेयरों में आज 15 सितंबर को खरीदारी का माहौल है। अब टायर कंपनियों ने भी GST की दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कीमतों में कटौती शुरू कर दी है। इसका असर आज टायर कंपनियों के शेयरों पर भी दिख रहा है। CEAT और MRF के शेयर 1 फीसदी से अधिक उछल गए हैं। JK Tyre & Industries में 0.15 फीसदी की मामूली बढ़त है। इसके अलावा, Apollo Tyres के शेयर भी 1 फीसदी से अधिक चढ़ गए हैं।

CEAT ने घटाए टायर्स के दाम

CEAT ने शुक्रवार को अपने सभी प्रोडक्ट्स की कीमतें घटाने का ऐलान किया। कंपनी ने कहा कि वह यह फायदा पूरी तरह से अपने डीलर्स और कस्टमर्स तक पहुंचाएगी। बता दें कि GST काउंसिल ने नए Pneumatic टायरों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। वहीं, ट्रैक्टर टायर और ट्यूब पर 5% की दर से जीएसटी लगेगा। कंपनी ने आगे बताया कि नई GST दरों के अनुसार उसके टायर्स की कम कीमतें 22 सितंबर 2025 से सभी सिएट प्रोडक्ट्स पर लागू होंगी।

CEAT के एमडी ने GST रेट कट को बताया फायदेमंद

CEAT के एमडी और सीईओ अर्नब बनर्जी ने कहा कि घटे हुए जीएसटी स्लैब से टायर इंडस्ट्री और ग्राहकों दोनों को फायदा होगा। इससे गाड़ी चलाने और उसकी देखरेख का खर्च कम होगा, टायर आसानी से बदले जा सकेंगे और सड़कें अधिक सुरक्षित बनेंगी। इसके अलावा यह कदम सेक्टर में अनुपालन और स्थायी विकास को बढ़ावा देगा। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अन्य टायर कंपनियां भी जल्द ही कीमतों में कटौती का ऐलान कर सकती हैं।

इंडियन टायर मार्केट के लिए आगे क्या है संभावनाएं?

भारत का टायर मार्केट तेजी से विस्तार कर रहा है। एक रिसर्च फर्म के अनुसार, 2023 से 2030 के बीच यह बाजार 8.71% की सालाना दर से बढ़ेगा। FY 2023 में यह बाजार $13.11 बिलियन का था, जो FY 2031 तक $25.50 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। इस ग्रोथ की वजह बढ़ती ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, बेहतर सड़कें और "Make in India" जैसी सरकारी पहल हैं।

टायरों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है। डिजाइन और उपयोग के हिसाब से इनमें ऑल-सीजन, समर, विंटर, ऑल-टेरेन, परफॉर्मेंस और रन-फ्लैट टायर शामिल हैं। वहीं, निर्माण के हिसाब से टायर रेडियल, बायस-प्लाई, ट्यूबलेस और ट्यूब वाले हो सकते हैं। टायर बनाने में रबर अहम कच्चा माल होता है, और इसकी कीमतों में गिरावट टायर कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।