मार्केट न्यूज़

3 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 15:47 IST
सारांश
बजाज फाइनेंस के शेयर में आज 7% की भारी गिरावट आई। यह गिरावट सितंबर तिमाही के शानदार नतीजों के बाद आई है। कंपनी का मुनाफा तो बढ़ा, लेकिन मैनेजमेंट ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपना AUM ग्रोथ गाइडेंस 25-27% से घटाकर 22-24% कर दिया, जिससे निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी।
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शानदार तिमाही नतीजों के बावजूद बजाज फाइनेंस के शेयर में आज भारी बिकवाली देखी गई।
शेयर बाजार में कई बार ऐसा होता है कि कंपनी का मुनाफा तो बढ़ता है, लेकिन फिर भी उसका शेयर गिर जाता है। मंगलवार को दिग्गज एनबीएफसी (NBFC) कंपनी बजाज फाइनेंस के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। 11 नवंबर को कंपनी के शेयरों में 7% तक की भारी गिरावट देखने को मिली। निवेशक हैरान थे कि सितंबर तिमाही (Q2) के शानदार नतीजों के बाद भी यह बिकवाली क्यों हुई? इसका जवाब कंपनी के नफे-नुकसान के आंकड़ों में नहीं, बल्कि भविष्य के 'ग्रोथ गाइडेंस' में छिपा है। मैनेजमेंट के एक बयान ने निवेशकों का सारा उत्साह ठंडा कर दिया और शेयर धड़ाम हो गया।
बजाज फाइनेंस ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करते हुए अपने भविष्य के अनुमानों में एक बड़ा बदलाव किया। कंपनी मैनेजमेंट ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए अपने एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ग्रोथ गाइडेंस, यानी कंपनी अपनी लोन बुक में कितनी बढत की उम्मीद कर रही है, को घटा दिया है। पहले मैनेजमेंट ने 25-27% की दमदार ग्रोथ का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इसे घटाकर 22-24% कर दिया गया है। भले ही यह कटौती बहुत बड़ी न लगे, लेकिन बाजार इस खबर को पचा नहीं पाया और निवेशकों ने जमकर बिकवाली शुरू कर दी। सुबह 10:45 बजे के आसपास शेयर 6.55% गिरकर 7,835 रुपए पर कारोबार कर रहा था।
ग्रोथ गाइडेंस (Growth Guidance) का मतलब होता है कंपनी के मैनेजमेंट द्वारा अपने भविष्य के प्रदर्शन के बारे में दिया गया एक अनुमान या लक्ष्य। इसमें कंपनी यह बताती है कि आने वाली तिमाहियों या पूरे साल में वह अपनी आय (Income), मुनाफे (Profit), या एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में कितनी बढत की उम्मीद कर रही है। निवेशक इसी गाइडेंस के आधार पर कंपनी के भविष्य को लेकर अपनी रणनीति बनाते हैं। अगर कंपनी गाइडेंस बढ़ाती है, तो इसे पॉजिटिव माना जाता है, लेकिन अगर गाइडेंस घटाया जाता है, तो यह संकेत देता है कि मैनेजमेंट को भविष्य में ग्रोथ धीमी पड़ने की आशंका है। इसी वजह से बजाज फाइनेंस ने जैसे ही अपना AUM गाइडेंस घटाया, निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी, भले ही मौजूदा तिमाही नतीजे अच्छे थे।
मैनेजमेंट ने इस कटौती के पीछे कुछ चुनौतियों का हवाला दिया है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा माहौल चुनौतीपूर्ण है। इसके अलावा, कुछ रेगुलेटरी बदलावों का भी असर ग्रोथ पर पड़ रहा है। इस वजह से खास तौर पर रूरल बी2सी (B2C) और डिजिटल ईएमआई कार्ड जैसे सेगमेंट में ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है। इसी को देखते हुए कंपनी ने अपने भविष्य के अनुमान में यह कटौती की है। बाजार हमेशा भविष्य की उम्मीदों पर चलता है, और भविष्य की ग्रोथ घटती देख निवेशकों का भरोसा डगमगा गया।
अगर सिर्फ सितंबर तिमाही के नतीजों को देखें तो वे काफी अच्छे थे। बजाज फाइनेंस का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 20% बढ़कर 4,210 करोड़ रुपए रहा। कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) भी 25% बढ़कर 8,420 करोड़ रुपए पहुंच गई। वहीं, कंपनी का AUM सालाना आधार पर 28% बढ़कर शानदार रहा। लेकिन जैसा कि कहा गया है, शेयर बाजार सिर्फ मौजूदा आंकड़ों को नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को देखकर चलता है।
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