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Axis Bank Q1 Results: कैसे रहेंगे तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट लेंडर के नतीजे? इन फैक्टर्स पर रहेगी निवेशकों की नजर

Upstox

3 min read | अपडेटेड July 17, 2025, 10:38 IST

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सारांश

Axis Bank Q1: एक्सपर्ट्स की मानें तो अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का प्रदर्शन सुस्त रह सकता है। धीमी लोन ग्रोथ और कमज़ोर मार्जिन कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जिनका असर नतीजों पर दिख सकता है। नतीजों से पहले बैंक के शेयरों में आज 0.14 फीसदी की गिरावट नजर आ रही है।

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Axis Bank

Axis Bank Q1: एक्सिस बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में सालाना केवल 2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।

Axis Bank Q1 Results: प्राइवेट सेक्टर के दिग्गज लेंडर एक्सिस बैंक आज 17 जुलाई को FY26 की पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान करने जा रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का प्रदर्शन सुस्त रह सकता है। धीमी लोन ग्रोथ और कमज़ोर मार्जिन कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जिनका असर नतीजों पर दिख सकता है। नतीजों से पहले बैंक के शेयरों में आज 0.14 फीसदी की गिरावट नजर आ रही है और यह स्टॉक BSE पर 1,166.10 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है।

कैसे रह सकते हैं Axis Bank के नतीजे

मनीकंट्रोल के सर्वे के मुताबिक एक्सिस बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में सालाना केवल 2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 13720 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 13,448 करोड़ रुपये थी।

बैंक का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) भी 3.5 फीसदी की मामूली वृद्धि के साथ लगभग 6,250 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो एक साल पहले 6,034 करोड़ रुपये था। एक्सपर्ट्स के अनुमान सीमित दायरे में हैं, जिसका मतलब है कि कोई भी पॉजिटिव या नेगेटिव सरप्राइज से शेयर की कीमत में एक्शन दिख सकता है।

निवेशकों का कई फैक्टर्स पर रहेगा फोकस

उम्मीद की जा रही है कि निवेशकों का फोकस बैंक की आगे की स्थिति का आकलन करने के लिए डिपॉजिट ग्रोथ, लोन ग्रोथ और मार्जिन रुझानों पर रहेगा।

इन फैक्टर्स का रिजल्ट पर दिखेगा असर

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जून तिमाही में एक्सिस बैंक की लोन ग्रोथ सालाना 7 फीसदी रहने की उम्मीद है और पिछली तिमाही की तुलना में स्थिर रहेगी। लोन ग्रोथ की धीमी गति के कारण शुल्क आय भी कमजोर रहने की संभावना है।

एक्सिस बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) सालाना 32 आधार अंकों तक घटेगा, जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एक साल पहले के 3.8 फीसदी से घटकर लगभग 3.5 फीसदी रह जाएगा। बैंक के लगभग 72 फीसदी लोन फ्लोटिंग दरों पर हैं, जिसका मतलब है कि उनकी ब्याज दरें RBI द्वारा दरों में कटौती के अनुसार जल्दी एडजस्ट हो जाती हैं, जिससे डिपॉजिट लागत में उतनी तेजी से कमी न आने पर आय को नुकसान हो सकता है।

एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस तिमाही में लगभग 6000 करोड़ रुपये (लोन का लगभग 2.3 फीसदी) की स्लिपेज होगी, जिसका मुख्य कारण खुदरा क्षेत्र और लगभग 90 आधार अंकों के लोन लॉस प्रोविजन (LLP) का योगदान है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।