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Aequs IPO: एयरोस्पेस से मुनाफा लेकिन बाकी धंधे में घाटा, कर्ज भी है भारी, जानिए कहां होगा पैसों का इस्तेमाल?

विकास तिवारी

3 min read | अपडेटेड December 01, 2025, 12:24 IST

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सारांश

Aequs IPO: एयरोस्पेस के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एक्यूस (Aequs) का 921 करोड़ रुपये का आईपीओ 3 दिसंबर से खुलने जा रहा है। कंपनी का एयरोस्पेस बिजनेस मुनाफे में है, लेकिन कुल मिलाकर कंपनी घाटे में चल रही है। इसका प्राइस बैंड 118 से 124 रुपये तय किया गया है।

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Aequs IPO 3 दिसंबर को खुलेगा | Image: Aequs.com

Aequs IPO: शेयर बाजार में आईपीओ की धूम के बीच अब एयरोस्पेस और कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनी एक्यूस (Aequs) अपना आईपीओ लेकर आ रही है। यह आईपीओ 3 दिसंबर 2025 को खुलेगा और 5 दिसंबर को बंद होगा। कंपनी कुल 921.81 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। हालांकि, कंपनी के वित्तीय आंकड़े मिले-जुले संकेत दे रहे हैं। जहां इसका एयरोस्पेस बिजनेस चमक रहा है, वहीं बाकी कारोबार कंपनी को नीचे खींच रहे हैं।

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आईपीओ का भाव और लॉट साइज क्या है?

कंपनी ने आईपीओ के लिए 118 रुपये से 124 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। एक लॉट में 120 शेयर होंगे। इसका मतलब है कि एक खुदरा निवेशक को कम से कम 14,880 रुपये का निवेश करना होगा। अगर आप ज्यादा पैसा लगाना चाहते हैं तो स्मॉल एचएनआई कैटेगरी में 14 लॉट के लिए 2,08,320 रुपये और बिग एचएनआई कैटेगरी में 68 लॉट के लिए 10,11,840 रुपये लगाने होंगे। शेयरों का अलॉटमेंट 8 दिसंबर को होगा और 10 दिसंबर को बाजार में लिस्टिंग होगी।

गजब का है कंपनी का बिजनेस मॉडल

एक्यूस का बिजनेस मॉडल थोड़ा अलग है। कंपनी मुख्य रूप से एयरोस्पेस यानी विमानों के लिए सटीक कलपुर्जे (Precision Components) बनाती है। इसके ग्राहकों में एयरबस और बोइंग जैसे बड़े नाम शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का एयरोस्पेस डिवीजन मुनाफे में चल रहा है। वित्त वर्ष 2025 में एयरोस्पेस सेगमेंट से कंपनी को 824 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।

लेकिन समस्या दूसरे वर्टिकल में है। कंपनी खिलौने, कुकवेयर और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के कलपुर्जे भी बनाती है। एयरोस्पेस को छोड़कर बाकी बिजनेस लगातार घाटे में चल रहे हैं। यही वजह है कि कुल मिलाकर कंपनी पिछले तीन सालों से शुद्ध घाटा (Net Loss) दिखा रही है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी को 102 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा 12 करोड़ रुपये और 2023 में 108 करोड़ रुपये था।

आईपीओ के पैसों का कहां होगा इस्तेमाल?

इस आईपीओ में 670 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जा रहे हैं। कंपनी ने साफ किया है कि वह इन पैसों का इस्तेमाल कैसे करेगी। सबसे बड़ा हिस्सा यानी करीब 433.17 करोड़ रुपये कंपनी अपना और अपनी सब्सिडियरी कंपनियों का कर्ज चुकाने में खर्च करेगी। इससे कंपनी पर ब्याज का बोझ कम होगा। उसके बाद लगभग 64 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नई मशीनरी और उपकरण खरीदने में किया जाएगा। और फिर एयरोस्ट्रक्चर मैन्युफैक्चरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के लिए 55.89 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बाकी पैसा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होगा। जब जहां कंपनी को जरूरत महसूस होगी।

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान?

कंपनी की अच्छी बात यह है कि एयरोस्पेस सेक्टर में इसकी पकड़ मजबूत है और यह भारत के इकलौते ऐसे सेज (SEZ) में है जहां एयरोस्पेस की पूरी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता मौजूद है। लेकिन निगेटिव बात यह है कि कंपनी लगातार घाटे में है और इसका पी/ई रेश्यो (P/E Ratio) भी नेगेटिव है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

विकास तिवारी
Vikash Tiwary is a finance journalist with 6+ years of newsroom experience. He is currently growing Upstox Hindi, crafting data-driven stories on stocks, personal finance, mutual funds, and global markets, while exploring how AI can simplify finance. His work spans Zee Business, TV9 Bharatvarsh, ABP News, India TV, and Inshorts. He also holds NISM certification.

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