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2 min read | अपडेटेड March 12, 2025, 10:30 IST
सारांश
Adani Enterprises: मुंबई की धारावी झुग्गी के विकास पर काम कर चुकी अडानी एंटरप्राइजेज को अब मोतीलाल नगर से जुड़ा प्रॉजेक्ट मिला है। कंपनी ने इसके लिए सबसे ज्यादा निर्मित क्षेत्र की पेशकश की थी। इस इलाके के विकास के लिए हाल ही में हाई कोर्ट ने इजाजत दी थी।
शेयर सूची
इसके पहले मुंबई की धारावी झुग्गी के विकास पर काम कर चुकी है Adani Enterprises।
Adani Group की Adani Enterprises के शेयर्स पर आज, बुधवार 12 मार्च को निवेशकों की निगाहें टिकी रहेंगी। कंपनी ने मुंबई मोतीलाल नगर के पुनर्विकास के लिए 36,000 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई है। इसके पहले कंपनीधारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना पर काम कर चुकी है।
मोतीलाल नगर-1, 2 और 3 मुंबई की सबसे बड़ी आवास पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक है। यह उपनगरीय इलाके गोरेगांव (पश्चिम) में 143 एकड़ में फैली हुई है। रिपोर्ट्स की मानें तो Adani Enterprises ने अपनी प्रतिद्वंद्वी L&T के मुकाबले ज्यादा निर्मित क्षेत्र की पेशकश की है।
पिछले हफ्ते ही मुंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MHADA) को किसी निर्माण एवं विकास एजेंसी के जरिये मोतीलाल नगर का पुनर्विकास करने की अनुमति दी थी।
राज्य सरकार ने इसे एक ‘विशेष परियोजना’ घोषित किया है। म्हाडा का इस पर नियंत्रण बना हुआ है लेकिन उसने काम पूरा करने के लिए आवश्यक क्षमता न होने पर सीएंडडीए के जरिये काम कराने का फैसला किया है।
रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद से शेयर बाजार में Adani Enterprises को लेकर चर्चा तेज है। सुबह 10:20 बजे कंपनी के शेयर्स 0.37% की बढ़त के साथ ₹2,258.95 पर ट्रेड कर रहे थे।
Adani Enterprises ने मुंबई की धारावी झुग्गी के पुनर्विकास पर भी काम किया है। Adani Group के पास धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (अब नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड) की 80% हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है।
सूत्रों के मुताबिक, अडानी समूह मोतीलाल नगर को आधुनिक फ्लैट वाले इलाके में बदलने की कोशिश करेगा। मोतीलाल नगर के पुनर्विकास की कुल अनुमानित लागत लगभग 36,000 करोड़ रुपये है, और पुनर्वास अवधि परियोजना की शुरुआत/आरंभ तिथि से सात साल है।
मोतीलाल नगर पुनर्विकास के लिए निविदा शर्तों के तहत सीएंडडीए को 3.83 लाख वर्ग मीटर का आवासीय क्षेत्र सौंपने का प्रावधान है। हालांकि अडानी समूह की कंपनी ने म्हाडा को 3.97 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र सौंपने पर सहमति जताते हुए बोली जीती है।
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