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World Economic Forum: दावोस में भारत ने ₹20 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश साधा, 80% महाराष्ट्र को

Upstox

3 min read | अपडेटेड January 25, 2025, 13:30 IST

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सारांश

WEF Davos: 1971 में क्लाउस श्वॉब के बनाए इस संगठन की अगली बैठक अब साल 2026 की जनवरी में होगी।

तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल... सभी राज्यों ने दिखाया अपना दमखम। (तस्वीर: Shutterstock)

तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल... सभी राज्यों ने दिखाया अपना दमखम। (तस्वीर: Shutterstock)

दुनियाभर के नेता वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम की 5 दिन की बैठक के लिए दावोस में मिले। इस दौरान भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच पर अपना दमखम दिखाया। इसी का असर था कि समिट खत्म होने तक भारत में ₹20 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का खाका तैयार हो गया था।

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भारत के इस समिट में दो पवेलियन थे और यहां देश का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की लीडरशिप में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 मुख्यमंत्रियों समेत कई नेता कर रहे थे। पार्टियों के बीच के अंतर से ऊपर उठते हुए सभी ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और भारत का एकजुट चेहरा पेश किया।

महाराष्ट्र, यूपी, केरल.. सबने जुटाया निवेश

इसके साथ ही अपने-अपने राज्यों की ओर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कवायदें भी चलती रहीं। इसमें सबसे आगे महाराष्ट्र निकला जिसे कुल निवेश का कम से कम 80% हिस्सा आया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ₹15.70 लाख करोड़ के 61 MoU साइन किए।

इसके चलते 16 लाख नौकरियां भी पैदा होने की उम्मीद है। इसी तरह तेलंगाना ने ₹1.79 लाख करोड़ के 20 MoU पर साइन किया।

इनके अलावा केरल के उद्योगमंत्री पी राजीवे ने 30 से ज्यादा मुलाकातें कीं और राज्य में निवेश के मौकों के बारे में जानकारी दी जबकि उत्तर प्रदेश ने $1 ट्रिलियन इकॉनमी बनने के अपने विजन की जानकारी देते हुए हजारों करोड़ के निवेश का रास्ता खोला।

भारत पर विश्वास

वैष्णव ने समिट के दौरान दुनिया में भारत को लेकर बने विश्वास पर कहा कि वैश्विक स्तर पर जो घटनाएं और तनाव चल रहा है, उसके बावजूद भारत ऐसे विश्वासपात्र की तरह उभरा है जो इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का सम्मान करता है और जहां लोकतंत्र उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि हम हर हालात में शांति और समावेशी विकास में विश्वास रखते हैं।

वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि AB InBev ने भारत के बेवरेज सेक्टर में अलग-अलग राज्यों में $25 करोड़ के निवेश का ऐलान किया है। वहीं, Unilever ने भी तेलंगाना में दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने का ऐलान किया है।

अहम रही यह बैठक

कई दूसरी ग्लोबल कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ समझौतों के मौके तलाशे। इसके लिए भारत के 100 से ज्यादा CEO और दूसरे टॉप लीडर भी पहुंचे थे। यह समिट ऐसे वक्त में हुई है जब रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-हमास और मध्यपूर्व एशिया में तनावपूर्ण हालात के चलते अंतरराष्ट्रीय स्थर पर आर्थिक चुनौतियां कायम हैं। साल 1971 में बने फोरम की अगली बैठक अब अगले साल जनवरी, 2026 में होगी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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