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SBI से ICICI तक... रातोरात क्यों बदल गया सभी बैंकों का 'पता'? ये है असली वजह

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 05, 2025, 14:05 IST

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सारांश

अगर आप सोच रहे हैं कि SBI, ICICI जैसे बैंकों ने डोमेन क्यों बदला, तो इसकी वजह RBI है। 31 अक्टूबर की डेडलाइन के बाद, फ्रॉड रोकने के लिए सभी बैंकों को .BANK.IN अपनाना पड़ा है। यह आपकी डिजिटल सुरक्षा के लिए किया गया है।

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RBI के नए नियम के बाद अब .BANK.IN ही बैंकों की असली पहचान है।

अगर आप पिछले कुछ दिनों में एसबीआई (SBI), आईसीआईसीआई (ICICI) या एचडीएफसी (HDFC) बैंक की वेबसाइट पर गए हैं, तो आपने एक बड़ा बदलाव देखा होगा। इन सभी बैंकों की वेबसाइट का 'पता' यानी डोमेन नेम बदल गया है। जहां पहले ये .com या .co.in पर खुलते थे, वहीं अब इनके आखिर में .BANK.IN (डॉट बैंक डॉट इन) लग गया है।

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कई ग्राहक सोच रहे हैं कि आखिर सभी बैंकों ने एक साथ यह बदलाव 'अचानक' क्यों कर दिया। क्या कोई बड़ी हैकिंग हुई थी? या यह कोई नया फीचर है? तो हम आपको बताते हैं कि इसकी असली वजह क्या है। यह बदलाव 'अचानक' नहीं हुआ है, बल्कि यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक बड़े और बहुत जरूरी फैसले का नतीजा है, जिसकी डेडलाइन 31 अक्टूबर 2025 थी।

ग्राहकों को 'महाफ्रॉड' से बचाना

इस बड़े बदलाव की असली और एकमात्र वजह है 'आपकी सुरक्षा'। पिछले कुछ सालों में बैंकिंग फ्रॉड के ज्यादातर मामले 'फिशिंग' के जरिए हुए हैं। जालसाज क्या करते थे कि वे एसबीआई या आईसीआईसीआई से मिलती-जुलती एक फर्जी वेबसाइट बना लेते थे।

ये वेबसाइट दिखने में बिलकुल असली लगती थीं। जालसाज इनका लिंक आपको एसएमएस या ईमेल से भेजकर डराते थे कि आपका 'अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा' या 'केवाईसी अपडेट करें'। जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करके अपना आईडी-पासवर्ड डालते थे, आपकी सारी जानकारी चोरों के पास पहुंच जाती थी और आपका खाता खाली हो जाता था।

RBI का 'मास्टरस्ट्रोक' .BANK.IN

आरबीआई ने इसी गड़बड़ी को जड़ से खत्म करने के लिए यह मास्टरस्ट्रोक चला है। आरबीआई ने एक नया डोमेन .BANK.IN बनवाया। यह कोई मामूली डोमेन नहीं है जिसे कोई भी जाकर खरीद ले।

.com या .in डोमेन कोई भी खरीद सकता है, इसीलिए जालसाज आसानी से नकली वेबसाइट बना लेते थे। लेकिन .BANK.IN एक 'प्रीमियम' और 'एक्सक्लूसिव' डोमेन है। इसे सिर्फ वही संस्थाएं ले सकती हैं, जो आरबीआई के पास रजिस्टर्ड हैं और जिनकी पूरी जांच-पड़ताल हो चुकी है। आरबीआई की आईटी शाखा (ReBIT) इसे मैनेज करती है।

31 अक्टूबर की डेडलाइन का मतलब

आरबीआई ने सभी बैंकों, पेमेंट ऑपरेटरों और वित्तीय संस्थाओं को निर्देश दिया था कि उन्हें 31 अक्टूबर 2025 तक हर हाल में इस नए और सुरक्षित डोमेन पर शिफ्ट होना होगा। यह डेडलाइन अब खत्म हो चुकी है।

यही वजह है कि एसबीआई से लेकर आईसीआईसीआई और देश के लगभग सभी छोटे-बड़े बैंकों ने एक साथ अपनी वेबसाइट को .BANK.IN पर शिफ्ट कर लिया है। यह बदलाव जो आम जनता को 'अचानक' लग रहा है, वह असल में आरबीआई के एक बड़े प्लान का आखिरी चरण है।

अब आपको क्या करना है?

आदत बदलें: अब से हमेशा अपने बैंक की वेबसाइट के एड्रेस बार में .BANK.IN जरूर चेक करें।
फर्जी लिंक पहचानें: अगर अब कोई आपको एसएमएस या ईमेल पर .com या .net वाला कोई बैंकिंग लिंक भेजता है, तो 100 फीसदी मान लें कि वह फ्रॉड है। उसे तुरंत डिलीट कर दें।

भरोसा सिर्फ .BANK.IN पर: यह नया डोमेन आपकी सुरक्षा का 'ट्रस्ट मार्क' है। अगर यह नहीं है, तो उस वेबसाइट पर भरोसा न करें।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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