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सर्विस सेक्टर में किन वजहों से अप्रैल में दिखी तेजी? नए ऑर्डर्स के चलते नौकरियां भी मिलीं

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 06, 2025, 12:42 IST

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सारांश

नए ऑर्डर के प्रवाह में तीव्र वृद्धि के कारण भारतीय सर्विस कंपनियों ने अप्रैल में लगातार 35 वें महीने अपने वर्कफोर्स की संख्या में वृद्धि की। सर्वे में कहा गया कि कंपनियों ने ग्राहकों की बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए पूर्णकालिक और अंशकालिक कर्मचारियों के साथ परिचालन क्षमता में वृद्धि की।

सर्विस सेक्टर

नए ऑर्डर्स के चलते अप्रैल में सर्विस सेक्टर में देखी गई तेजी।

भारत के सर्विस सेक्टर की गतिविधि में अप्रैल में मामूली सुधार दर्ज किया गया। इस सुधार के पीछे का एक अहम कारण नए ऑर्डर प्रवाह में तेजी को माना जा रहा है। मंगलवार को एक मंथली सर्वे में यह बात कही गई है। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक यानी कि एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अप्रैल में 58.7 रहा जो मार्च में 58.5 पर था। यह आंकड़ा इसके लॉन्ग टर्म एवरेज 54.2 से अधिक है। परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) की भाषा में 50 से ऊपर पॉइंट्स का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का मतलब संकुचन से होता है।

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एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘भारत में सर्विस सेक्टर की गतिविधियां पिछले महीने की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी हैं। मार्च में राहत मिलने के बाद नए निर्यात ऑर्डर में तेजी आई है, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं।’ प्रोडक्शन में समग्र विस्तार नए बिजनेस में उल्लेखनीय वृद्धि से प्रेरित रहा जो आठ महीनों में संयुक्त रूप से सबसे अच्छा था। कई कंपनियों ने अनुकूल मांग की स्थिति और सफल मार्केटिंग कोशिशों का उल्लेख किया। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों को अपनी सर्विसेज के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय मांग से फायदा मिलना जारी रहा, जिसमें एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका को खासतौर से ताकत के स्रोत के रूप में उभरे हैं। कुल मिलाकर, नए निर्यात ऑर्डर जुलाई 2024 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़े हैं।

नए ऑर्डर के प्रवाह में तीव्र वृद्धि के कारण भारतीय सर्विस कंपनियों ने अप्रैल में लगातार 35 वें महीने अपने वर्कफोर्स की संख्या में वृद्धि की। सर्वे में कहा गया कि कंपनियों ने ग्राहकों की बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए पूर्णकालिक और अंशकालिक कर्मचारियों के साथ परिचालन क्षमता में वृद्धि की।

मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर, भारतीय सर्विस कंपनियों ने अप्रैल के दौरान अपने औसत विक्रय मूल्यों में वृद्धि की क्योंकि वे ग्राहकों पर उच्च लागत का बोझ डालना चाहते थे। सर्वे में कहा गया, ‘शुल्क मुद्रास्फीति की दर ठोस रही जो मार्च की तुलना में अधिक थी और अपने दीर्घकालिक औसत से अधिक है।’ भंडारी ने कहा, ‘लागत दबाव कम होने और शुल्क में तेजी से वृद्धि होने के कारण मुनाफे में सुधार हुआ है।’ इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट इंडेक्स मार्च के 59.5 से बढ़कर अप्रैल में 59.7 हो गया। कंसोलिडेटेड पीएमआई इंडेक्स तुलनीय मैनुफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई इंडेक्सों का भारित औसत है। एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सर्विस सेक्टर की कंपनियों के ग्रुप को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

भाषा इनपुट के साथ
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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