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Vedanta Demerger: FY26 में ही हो जाएगा वेदांता का डीमर्जर, CEO ने बताया पूरा प्लान

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 16, 2025, 18:11 IST

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सारांश

Vedanta Demerger: इस डीमर्जर की मंजूरी के बाद वेदांता के कई बिजनेस वर्टिकल अलग-अलग इकाइयों के रूप में काम करेंगे। इसके तहत 4 स्वतंत्र कंपनियां बनाने का फैसला किया गया है। कंपनी ने अपनी बेस मेटल यूनिट को मूल कंपनी में ही बनाए रखने का निर्णय लिया है।

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Vedanta Demerger

Vedanta Demerger: वेदांता के शेयरों में आज 1.66 फीसदी की तेजी आई है।

Vedanta Demerger: वेदांता के भारतीय कारोबार का डीमर्जर इस वित्त वर्ष में ही पूरा होने की संभावना है। यह जानकारी वेदांता रिसोर्सेज की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) देशनी नायडू ने मंगलवार को दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका फोकस कंपनी के रिस्ट्रक्चरिंग पर है। वेदांता के शेयरों में आज 1.66 फीसदी की तेजी आई और यह स्टॉक BSE पर 461.95 रुपये के भाव पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 1.80 करोड़ रुपये है।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) वेदांता लिमिटेड के प्रस्तावित डीमर्जर पर बुधवार को सुनवाई करने वाला है। इस प्रस्ताव के तहत कंपनी के प्रमुख बिजनेस वर्टिकल को अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया जाएगा। नायडू ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैं बेहद आशावादी हूं। फिलहाल मेरा काम संगठन का इस तरह रिस्ट्रक्चरिंग करना है जैसे हम पहले ही अलग-अलग कारोबार पर आधारित कंपनी बन चुके हों।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में बुधवार को सुनवाई होने वाली है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह सुनवाई NCLT की मंजूरी प्रक्रिया की ही दिशा में बढ़ा कदम होगी।’’ वेदांता रिसोर्सेज की CEO ने कहा कि तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (TSPL) से संबंधित मामला पहले ही सुलझ चुका है। NCLT ने TSPL के कारोबार को मूल कंपनी वेदांता लिमिटेड से अलग करने को मंजूरी दे दी है।

यह आदेश चीन की सेप्को इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्प के साथ हुए समझौते के बाद आया। सेप्को TSPL की एक प्रमुख लेनदार थी और 1251 करोड़ रुपये के बकाया का हवाला देकर उसने कारोबार विभाजन का विरोध किया था।

उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘‘बाजार नियामक सेबी को मौजूदा कारोबार विभाजन योजना पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्होंने बेस मेटल यूनिट के विभाजन को लेकर और जानकारी मांगी है जिसे अब ‘वन प्लस फोर विभाजन’ के तहत नहीं किया जा रहा है।’’

इस डीमर्जर की मंजूरी के बाद वेदांता के कई बिजनेस वर्टिकल अलग-अलग इकाइयों के रूप में काम करेंगे। पुरानी योजना के तहत डीमर्जर के बाद 6 स्वतंत्र कंपनियां बनने वाली थीं लेकिन बाद में इस योजना को संशोधित कर 4 स्वतंत्र कंपनियां बनाने का फैसला किया गया। कंपनी ने अपनी बेस मेटल यूनिट को मूल कंपनी में ही बनाए रखने का निर्णय लिया है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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