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  1. US खुद रूस से खरीदता है यूरेनियम और... अमेरिका की दोहरी रणनीति भारत ने रखी दुनिया के सामने

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US खुद रूस से खरीदता है यूरेनियम और... अमेरिका की दोहरी रणनीति भारत ने रखी दुनिया के सामने

Namita Shukla

4 min read | अपडेटेड August 05, 2025, 08:03 IST

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सारांश

USA-India Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता के छठे राउंड से पहले दोनों देशों के बीच कुछ गहमागहमी देखने को मिल रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को निशाना बनाया और भारत ने भी इसका करारा जवाब दिया है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत को टैरिफ को लेकर धमकी दी है। ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने की बात को फिर से निशाना बनाया और इस बार भारत की तरफ से भी करारा जवाब दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की ओर से बयान जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह अमेरिका दोहरी रणनीति अपना रहा है। इस बयान के जरिए भारत ने अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब भी दिया है। आपको बता दें कि टैरिफ को लेकर अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है। चलिए एक नजर डालते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्न अफेयर्स की ओर से क्या बयान जारी किया गया।

यहां भारत ने छह पॉइंट्स में बताया है कि किस तरह से अमेरिका दोहरी रणनीति अपनाकर भारत को निशाना बना रहा है-

1- यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से रूस से तेल आयात करने के कारण भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर है। दरअसल, भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा ऐसे आयातों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था।
2- भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। ग्लोबल मार्केट की स्थिति के कारण ये एक अनिवार्य आवश्यकता है। हालांकि, यह उजागर होता है कि भारत की आलोचना करने वाले वही देश खुद रूस के साथ बिजनेस कर रहे हैं। हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाध्यता भी नहीं है।
3- 2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो था। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का व्यापार 17.2 बिलियन यूरो होने का अनुमान है। यह उस साल या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी अधिक है। वास्तव में, 2024 में यूरोपीय एलएनजी आयात रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया।
4- यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात और मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरण भी शामिल हैं।
5- जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायन आयात करता रहता है।
6- इस बैकग्राउंड में, भारत को निशाना बनाना गलत और अविवेकपूर्ण है। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
ट्रंप ने फिर से भारत पर साधा निशाना

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा, ‘भारत रूस से भारी मात्रा में तेल सिर्फ खरीद ही नहीं रहा है, बल्कि उस तेल के बड़े हिस्से को खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है। उसे (भारत को) इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस की युद्ध मशीन कितने लोगों की जान ले रही है। इसी वजह से मैं भारत से अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ को काफी बढ़ाने जा रहा हूं।’

क्या है पूरा मामला

ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय आयात पर 25% कस्टम ड्यूटी लगाने के साथ ही रूस से तेल और गैस खरीदने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर जुर्माना लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में आई अधिसूचना में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया था। पिछले सप्ताह ट्रंप ने भारत और रूस के रिश्तों को लेकर तीखा हमला भी बोला था और कहा था कि दोनों देश अपनी 'मृत अर्थव्यवस्थाओं' को साथ में गर्त में ले जा सकते हैं। ट्रंप की इन घोषणाओं को भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते में अमेरिका की मांगों के पक्ष में दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका अपने कृषि, डेयरी और आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) खाद्य पदार्थों पर भारत से शुल्क में रियायत मांग रहा है। भारत इन सेक्टर्स में कोई भी रियायत देने के खिलाफ है, ये लाखों छोटे और हाशिए पर पड़े किसानों की आजीविका से जुड़े हैं। दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी दल 25 अगस्त को भारत आ रहा है। वार्ता 29 अगस्त तक चलेगी।

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लेखकों के बारे में

Namita Shukla
Namita Shukla is a seasoned journalist with over 15 years of experience in Hindi media. She has worked with some of the most reputed news organizations, including Navbharat Times, Dainik Jagran, Aaj Tak, and Hindustan Times Hindi. Throughout her career, Namita has reported on a wide range of beats such as national affairs, sports, business, and entertainment, bringing clarity and depth to her reporting. In addition to her journalistic work, she is a certified fact-checker by both Google and Meta, underscoring her commitment to accuracy and ethical journalism in the digital age.