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  1. भारत की 'शिकायत' पर WTO में US की सफाई, 'स्टील-एल्यूमिनियम पर टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लगाए'

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भारत की 'शिकायत' पर WTO में US की सफाई, 'स्टील-एल्यूमिनियम पर टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लगाए'

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 18, 2025, 13:00 IST

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सारांश

US-India Tariff: भारत के विश्व व्यापार संगठन से डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर चर्चा के अनुरोध के जवाब में अमेरिका ने दोहराया है कि स्टील-एल्यूमिनियम पर लगाए गए टैरिफ बचाय उपायों के तहत नहीं उठाए गए हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लगाए गए हैं। US के मुताबिक सेक्शन 232 एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून है और शुल्क को GATT 1994 के एक प्रावधान के तहत सुरक्षा अपवाद के तहत रखा जा रहा है।

भारत ने WTO में उठाया था अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा।

भारत ने WTO में उठाया था अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा।

अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation, WTO) से कहा है कि स्टील और एल्यूमिनियम पर शुल्क लगाने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लिया गया और इसे बचाव के लिए उठाया गया कदम नहीं माना जाना चाहिए।

भारत के 11 अप्रैल को अमेरिका के साथ WTO के बचाव समझौते के तहत परामर्श का अनुरोध करने के बाद अमेरिका ने WTO के समक्ष अपना रुख स्पष्ट किया है। भारत ने कहा था कि अमेरिका द्वारा इन उपायों को सुरक्षा उपाय बताए जाने के बावजूद ये असल में बचाव के लिए उठाए गए कदम हैं।

भारत का तर्क है कि इससे अमेरिका बचाव उपायों को लागू करने के निर्णय के बारे में बचाव समझौते (एओएस) के एक प्रावधान के तहत WTO सुरक्षा समिति को सूचित करने में विफल रहा है।

वहीं, अमेरिका ने 17 अप्रैल को व्यापार निकाय को भेजे एक पत्र में कहा, ‘अमेरिका ने पाया कि बचाव उपायों पर समझौते के अनुच्छेद 12.3 के तहत परामर्श के लिए भारत के अनुरोध का आधार यह है कि शुल्क बचाव के लिए उठाया गया कदम है... (अमेरिका के) राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने धारा 232 के तहत स्टील और एल्यूमिनियम पर शुल्क लगाया, जिसके तहत राष्ट्रपति ने निर्धारित किया कि शुल्क स्टील और एल्यूमिनियम वस्तुओं के आयात को समायोजित करने के लिए आवश्यक हैं जिससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने की आशंका है।’

अमेरिका ने कहा कि धारा 232 एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून है और शुल्क को शुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (जीएटीटी) 1994 के एक प्रावधान के तहत सुरक्षा अपवाद के तहत रखा जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि ये शुल्क 1974 के व्यापार अधिनियम के प्रावधान के तहत नहीं लगाए गए हैं, जिसके तहत अमेरिका बचाव उपाय लागू करता है।

अमेरिका ने कहा कि अमेरिका बचाव उपायों/आपात कार्रवाई प्रावधान के अनुरूप इन कार्रवाइयों को जारी नहीं रख रहा है... ये कार्रवाइयां बचाव में उठाया गया कदम नहीं हैं और इसलिए इन उपायों के संबंध में बचाव समझौते के तहत परामर्श करने का कोई आधार नहीं है।

इसमें कहा गया कि परामर्श के लिए भारत का अनुरोध...बचाव उपायों पर समझौते के तहत कोई आधार नहीं रखता है...फिर भी, हम भारत के साथ इस या किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

अमेरिका ने 8 मार्च 2018 को स्टील और एल्यूमिनियम के कुछ उत्पादों पर क्रमश: 25% और 10% मूल्यानुसार शुल्क की घोषणा की थी जो 23 मार्च 2018 से लागू हुए। इस वर्ष 10 फरवरी को अमेरिका ने स्टील और एल्यूमिनियम वस्तुओं के आयात पर बचाव उपायों को संशोधित किया, जो 12 मार्च 2025 से प्रभावी हुए और इनकी अवधि असीमित है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।