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Unclaimed Funds: अगले 3 महीने में बैंक करेंगे ₹67000 करोड़ के अनक्लेम्ड फंड्स का निपटारा, RBI का निर्देश

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 24, 2025, 11:55 IST

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सारांश

Unclaimed Funds: अगर किसी सेविंग या करेंट अकाउंट को 10 साल तक इस्तेमाल नहीं किया गया हो तो यह अनक्लेम्ड डिपॉजिट में आता है। इसके अलावा, अगर कोई फिक्स्ड डिपॉजिट/टर्म डिपॉजिट मैच्योर होने के बाद 10 साल तक क्लेम न किया गया हो, तो ऐसी स्थिति में उस अकाउंट का पैसा अनक्लेम्ड डिपॉजिट माना जाता है।

Unclaimed Funds

Unclaimed Funds ऐसे पैसे को कहा जाता है, जिन पर ग्राहकों ने दावा नहीं किया है।

Unclaimed Funds: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों से कहा है कि वे आने वाले तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर) में अनक्लेम्ड फंड्स के निपटारे की प्रक्रिया तेज करें। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। अनक्लेम्ड फंड्स ऐसे पैसे को कहा जाता है, जिन पर ग्राहकों ने दावा नहीं किया है। इसमें जमा राशि (Deposits), डिविडेंड, ब्याज की रकम, पेंशन शामिल हैं।

ये रकम बैंक RBI के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर देती हैं। ध्यान रहे कि ग्राहक या उनके वारिस कभी भी वैध दस्तावेज दिखाकर यह पैसा क्लेम कर सकते हैं।

अगर किसी सेविंग या करेंट अकाउंट को 10 साल तक इस्तेमाल नहीं किया गया हो तो यह अनक्लेम्ड डिपॉजिट में आता है। इसके अलावा, अगर कोई फिक्स्ड डिपॉजिट/टर्म डिपॉजिट मैच्योर होने के बाद 10 साल तक क्लेम न किया गया हो, तो ऐसी स्थिति में उस अकाउंट का पैसा अनक्लेम्ड डिपॉजिट माना जाता है।

क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

हाल ही में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) की बैठक में तय हुआ कि इन पैसों का निपटारा करने के लिए जिला स्तर पर एक हफ्ते के शिविर लगाए जाएंगे। पहला शिविर अक्टूबर के पहले हफ्ते में गुजरात से शुरू होगा और दिसंबर तक देशभर में और शिविर होंगे। इस अभियान का नेतृत्व राज्य स्तरीय बैंकरों की समिति (SLBC) करेगी।

बैंकों को कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में बिना दावे वाले फंड्स की सूची तैयार करें और संबंधित शाखाओं से साझा करें। सही दावेदारों तक पहुंचने के लिए बैंकों को सीधा संपर्क करना होगा।

SLBC को राज्य सरकार के विभागों के साथ मिलकर काम करने, शिविर के लिए जगह तय करने, दावेदारों की पहचान करने और मृत्यु पंजीकरण जैसी जानकारियों को सत्यापित करने की जिम्मेदारी दी गई है। बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे इस पहल को गंभीरता से लें ताकि सिस्टम में फंसा हुआ पैसा कम हो सके।

बिना दावे वाली जमा राशि क्यों बढ़ रही है?

ग्राहक खाता बंद नहीं करते, भले ही उसका इस्तेमाल न कर रहे हों। फिक्स्ट डिपॉजिट पूरी होने के बाद भी पैसा क्लेम नहीं किया जाता। अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद नॉमिनी या कानूनी वारिस दावा नहीं करते। ये ऐसी वजहें हैं, जिनके चलते अनक्लेम्ड फंड्स में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जून 2025 के अंत तक बैंकों (निजी बैंकों समेत) के पास ₹67003 करोड़ बिना दावे वाली जमा राशि थी।

आरबीआई ने UDGAM (Unclaimed Deposits Gateway to Access Information) पोर्टल लॉन्च किया है। इसमें रजिस्टर्ड यूजर एक ही जगह पर कई बैंकों में अपने बिना दावे वाले अकाउंट/डिपॉजिट खोज सकते हैं। 4 मार्च 2024 तक 30 बैंक इस पोर्टल से जुड़े हुए हैं, और इन बैंकों के पास कुल बिना दावे वाली राशि का लगभग 90% हिस्सा है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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