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  1. देश को ग्लोबल लेवल के बैंकों की जरूरत, RBI से बात हो चुकी है शुरू, वित्त मंत्री क्या कुछ बोलीं?

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देश को ग्लोबल लेवल के बैंकों की जरूरत, RBI से बात हो चुकी है शुरू, वित्त मंत्री क्या कुछ बोलीं?

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 06, 2025, 17:54 IST

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सारांश

निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार का मुख्य जोर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर है और पिछले दशक में पूंजीगत व्यय में पांच गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 से व्यापार को सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया है।

निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने क्यों कहा कि ग्लोबल बैंकों की भारत को जरूरत?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश को बड़े और ग्लोबल लेवल के बैंकों की जरूरत है और इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंकों के साथ बातचीत जारी है। सीतारमण ने 12वें ‘एसबीआई बैंकिंग एंड इकॉनमिक्स’ सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए वित्तीय संस्थानों से उद्योग जगत के लिए कर्ज प्रवाह (Debt flow) को बढ़ाने और व्यापक बनाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से मांग बढ़ेगी और इससे कुल मिलाकर निवेश बढ़ेगा।

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उन्होंने कहा, ‘देश को कई बड़े और वर्ल्ड लेवल के बैंकों की जरूरत है... सरकार इस पर विचार कर रही है और काम शुरू हो चुका है। हम आरबीआई और बैंकों के साथ इस पर चर्चा कर रहे है।’ सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार का मुख्य जोर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर है और पिछले दशक में पूंजीगत व्यय में पांच गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 से व्यापार को सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया है।

सीतारमण ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct benefit transfer, DBT) के जरिए चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की और पिछले दशक में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि सरकार टेक्नॉलिजी की अगुवाई में वृद्धि पर जोर दे रही है। डेटा (इंटरनेट) की लागत आज कम होकर 10 रुपये प्रति जीबी पर आ गई है जो 2014 में 300 रुपये प्रति जीबी थी। इंडिया टीवी की खबर के मुताबिक प्राइवेटाइजेशन एक्सरसाइज के तहत, सरकार ने जनवरी 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी 51% कंट्रोलिंग हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बेच दी। इसके बाद, सरकार और एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री की योजना की घोषणा की।

अक्टूबर 2022 में, दोनों शेयरधारकों ने कुल 60.72% हिस्सेदारी बेचकर आईडीबीआई बैंक के प्राइवेटाइजेशन के लिए निवेशकों से ईओआई (Expression of Interest) आमंत्रित किए थे। इसमें सरकार की 30.48% और एलआईसी की 30.24% हिस्सेदारी शामिल है। जनवरी 2023 में, DIPAM को आईडीबीआई बैंक के लिए कई ईओआई प्राप्त हुए। आईडीबीआई बैंक की बिक्री का मार्ग प्रशस्त करते हुए, सेबी ने अगस्त 2025 में ऋणदाता में रणनीतिक विनिवेश पूरा होने पर बैंक के प्रवर्तक से जीवन बीमा निगम को एक सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने को मंजूरी दे दी है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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