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3 min read | अपडेटेड February 18, 2025, 14:42 IST
सारांश
Tesla India Hiring: कंपनी ने कई नौकरियां मुंबई और दिल्ली के लिए निकाली हैं। भारत में EV बाजार के जरिए कंपनी सेल बढ़ाने की कोशिश करेगी।
PM मोदी के अमेरिकी दौरे पर Elon Musk ने की थी मुलाकात।
अभी तक भारी आयात शुल्क (import duty) का हवाला देते हुए दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो-बाजार से दूरी बनाकर रखने वाली Tesla ने आखिरकार भारत में नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से Tesla के मालिक इलॉन मस्क (Elon Musk) की मुलाकात के बाद अब कंपनी ने भारत में कई पदों के लिए आवेदन मांगे हैं।
Tesla की वेबसाइट पर सर्विस टेक्नीशियन और अडवाइजरी भूमिकाओं के पदों के लिए भर्ती निकली है जो मुंबई और दिल्ली में लोकेटेड हैं। वहीं कस्टमर इंगेजमेंट मैनेजर और डिलिवरी ऑपरेशन्स स्पेशलिस्ट की जगह मुंबई के लिए निकली है। इनके लिए LinkedIn के जरिए भी अप्लाई किया जा सकता है।
पिछले अप्रैल में, मस्क ने ‘बहुत भारी टेस्ला दायित्वों’ का हवाला देते हुए आखिरी समय में भारत की अपनी प्रस्तावित यात्रा स्थगित कर दी थी। हालांकि, प्रस्तावित यात्रा से उम्मीदें बढ़ गई थीं कि मस्क जल्द से जल्द भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के लिए आगे की योजना की घोषणा करेंगे।
Tesla की ओर से पहले भी भारत में व्यापार को लेकर साफ स्थिति नहीं रही है। भारत में आयात शुल्क ज्यादा होने का हवाला देते हुए कंपनी बाहर ही रही है।
यहां तक कि इस बार भी जब मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से सवाल किया गया था कि मस्क पीएम से एक सरकारी अधिकारी के तौर पर मिले या टेक बिजनेसमैन के तौर पर, तो उन्हें कहा था कि टैरिफ की वजह से भारत व्यापार करने के लिए एक मुश्किल जगह है। यहां सबसे ज्यादा टैरिफ हैं।
हालांकि, भारत ने हाल ही में $40,000 से ज्यादा कीमत की हाई-एंड गाड़ियों पर से बेसिक कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दी है। माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भारतीय बाजार में Tesla अपनी बिक्री बढ़ाने का मौका मिल सकता है। कंपनी ने हाल ही में पिछले एक दशक में पहली बार अपनी EV की बिक्री में गिरावट दर्ज की थी।
मस्क पहले भी Tesla और अपनी स्पेस कंपनी Starlink को भारत लाने की इच्छा जता चुके हैं। कुछ वक्त पहले जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार के सैटलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी की जगह एक कीमत तय करने के फैसले की जानकारी दी थी, तब माना जा रहा था कि Starlink जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को इससे भारतीय बाजार में एंट्री लेने में मदद मिल सकती है।
सिंधिया ने कहा था कि Starlink को भारत में सेवाओं के लिए लाइसेंस पाने को सभी नियमों का पालन करना होगा।
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