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S&P Global Ranking: मौजूदा जियो पॉलिटिकल टेंशन से क्या भारत को घबराने की जरूरत? यहां समझें

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 24, 2025, 13:38 IST

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सारांश

एसएंडपी का अनुमान है कि 2025 में मुद्रास्फीति औसतन 4% रहेगी, जो 2024 में 4.6% से कम है। इसने अनुमान लगाया है कि 2025 के अंत तक रुपया 87.5 प्रति डॉलर तक कमजोर हो सकता है जो 2024 के अंत तक 86.6 प्रति डॉलर था।

भारत पर जियो पॉलिटिकल टेंशन का असर

क्या भारतीय इकॉनमी पर पड़ेगा जियो पॉलिटिकल टेंशन का असर

मौजूदा जियो पॉलिटिकल टेंशन से रुपये या मुद्रास्फीति (Inflation) पर कुछ खास दबाव पड़ने के आसर नहीं हैं, क्योंकि ग्लोबल एनर्जी कीमतें पिछले साल की तुलना में कम हैं, जिससे करंट अकाउंट विड्रॉल और घरेलू एनर्जी प्राइस दबाव सीमित हो जाएगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह बात कही। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा कि भारत के लिए एक बड़ी राहत वाली बात यह है कि ऊर्जा की कीमतें अब भी पिछले साल की तुलना में कम हैं। एक साल पहले ब्रेंट कच्चे तेल का भाव करीब 85 डॉलर प्रति बैरल था और मौजूदा समय में कीमतें अब भी कम हैं।

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राणा ने कहा, ‘इससे चालू खाते से पैसा निकालना और घरेलू ऊर्जा मूल्य दबाव दोनों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। ऊर्जा की कीमतों में मामूली वृद्धि हो सकती है, लेकिन खाद्य कीमतों के बढ़ने से मुद्रास्फीति पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। कुल मिलाकर, हमें भारतीय रुपये या मुद्रास्फीति पर कोई खास दबाव पड़ने के आसार नजर नहीं आते।’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इजराइल और ईरान के संघर्ष विराम पर सहमत होने की घोषणा के बाद बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें फिसलकर करीब 69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं।

ईरान-इजरायल में संघर्षविराम

इजराइल और ईरान के बीच पिछले 12 दिनों से तनाव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति आ गई थी, जिसमें बाद में अमेरिका को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। अमेरिका भी ईरान के तीन सबसे महत्वपूर्ण परमाणु केंद्रों पर सैन्य हमले करके युद्ध में शामिल हो गया था। भारत अपनी 85 % से अधिक कच्चे तेल और लगभग आधी नैचुरल गैस की जरूरत को आयात करता है। तेल आयात का 40% से अधिक और गैस आयात का आधा हिस्सा पश्चिम एशिया से आता है।

2025 में 2024 की तुलना में कम रहेगी मुद्रास्फीति

एसएंडपी का अनुमान है कि 2025 में मुद्रास्फीति औसतन 4% रहेगी, जो 2024 में 4.6% से कम है। इसने अनुमान लगाया है कि 2025 के अंत तक रुपया 87.5 प्रति डॉलर तक कमजोर हो सकता है जो 2024 के अंत तक 86.6 प्रति डॉलर था। राणा ने कहा कि मौजूदा जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते ग्लोबल वित्तीय बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ने से रुपये में अस्थिरता आ सकती है। इसके अलावा तेल की ऊंची कीमतें भारत के चालू खाता निकासी को बढ़ा सकती हैं और भारतीय रुपये को कमजोर कर सकती हैं।

जीडीपी के अनुमान 6.5%

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर संघर्ष के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा कि दुनिया की वृद्धि संभावनाओं पर इसका प्रभाव फिलहाल मामूली है, लेकिन लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव जारी रहा तो यह चिंता का विषय बन सकता है। सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतों और मौद्रिक नरमी को देखते हुए एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को बढ़ाकर मंगलवार को 6.5% कर दिया।

भाषा इनपुट के साथ

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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