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Retail Inflation: अप्रैल की गर्मी में महंगाई ने दी ठंडक, 6 साल में सबसे कम स्तर पर, अब अगले महीने RBI भी देगा खुशखबरी?

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 14, 2025, 11:17 IST

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सारांश

Retail Inflation: करीब 6 साल के बाद खुदरा मुद्रास्फीति दर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंची है। अप्रैल के महीने में यह 3.16% पर आ गई। फल, सब्जियों, दालों जैसी खाने-पीने की चीजों के दाम गिरने से महंगाई नीचे आ गई। उम्मीद की जा रही है कि अब अगले महीने होने वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाने का ऐलान एक बार फिर कर सकता है।

खाने-पीने की चीजों के दाम गिरने से मुद्रस्फीति दर 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची।

खाने-पीने की चीजों के दाम गिरने से मुद्रस्फीति दर 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची।

Retail Inflation: अप्रैल के महीने में महंगाई ने लोगों को राहत दी है। सब्जियों, फलों और दालों की कीमतों में नरमी आने से अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) की दर घटकर लगभग छह साल के निचले स्तर 3.16% पर आ गई। एक महीने पहले मार्च, 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 3.34% और एक साल पहले अप्रैल, 2024 में 4.83% थी।

इन आंकड़ों से महंगाई में कमी के संकेत तो दिखे ही हैं, एक अहम इशारा अगले महीने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक की ओर भी जाता है। मुद्रास्फीति दर में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए जून की मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में रेपो दर में एक और कटौती की पर्याप्त गुंजाइश बन गई है।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को मुद्रास्फीति दर से जुड़े आधिकारिक आंकड़े जारी किए। इनके मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index, CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति 3.16% रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जुलाई, 2019 में यह 3.15% थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 1.78% पर आ गई, जो अक्टूबर, 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 2.69% रही थी जबकि एक साल पहले अप्रैल में यह 8.7% थी। खुदरा मुद्रास्फीति की गणना के लिए आंकड़ों को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से जुटाया जाता है।

कैसे आई गिरावट?

NSO ने कहा है कि अप्रैल, 2025 में मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, दालों और उत्पादों, फलों, मांस और मछली, व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों और अनाज की कीमतों में आई कमी के कारण है। अप्रैल के दौरान वार्षिक आधार पर आलू (12.7%), टमाटर (33.21%), चिकन (6.78%), अरहर (14.27%) और जीरा (20.79%) के दाम घटे हैं।

हालांकि, पिछले महीने सरसों तेल में 19.6%, रिफाइंड तेल (सूरजमुखी, सोयाबीन) में 23.75%, सेब में 17% और प्याज में 2.94% की मुद्रास्फीति दर्ज की गई।

रेपो रेट कट की उम्मीद बढ़ी

अच्छी बात यह है कि खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक दायरे में बने हुए हैं। आरबीआई को सरकार ने मुद्रास्फीति दो% घट-बढ़ के साथ चार% पर (2-6% के बीच) बनाए रखने का दायित्व सौंपा है।

मूल्य स्थिति में सुधार आने के बाद आरबीआई दो किस्तों में प्रमुख ब्याज दर में 0.50% की कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के चार% रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में इसके 3.6%, दूसरी तिमाही में 3.9%, तीसरी तिमाही में 3.8% और चौथी तिमाही में 4.4% पर रहने का अनुमान है।

कहां, कितनी महंगाई?

अप्रैल में ग्रामीण महंगाई दर 2.92% रही, जबकि मार्च में यह 3.25% थी। शहरी महंगाई दर भी मार्च, 2025 के 3.43% से मामूली रूप से घटकर अप्रैल में 3.36% रह गई। राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा महंगाई दर केरल में 5.94% रही, जबकि सबसे कम महंगाई दर तेलंगाना में 1.26% रही।

वहीं, सेक्टर्स के मामले में अप्रैल में ‘ईंधन और प्रकाश’ खंड की मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर 2.92% रही, जबकि मार्च में यह 1.42% थी। 'परिवहन और संचार' खंड में मुद्रास्फीति अप्रैल में 3.73% रही, जबकि मार्च में यह 3.36% थी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।