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RBI MPC की बैठक आज से शुरू, क्या फिर घटेंगी ब्याज दरें? इन वजहों से बढ़ी उम्मीद

Upstox

4 min read | अपडेटेड August 04, 2025, 13:42 IST

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सारांश

RBI ने अपनी पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। RBI का नीतिगत रुख 'न्यूट्रल' बना हुआ है। हालांकि, इनफ्लेशन में कमी और ग्रोथ से जुड़ी चिंताओं के बढ़ने के साथ अब इस बात पर बहस चल रही है कि केंद्रीय बैंक दरों में एक और कटौती करेगा या इसे रोक देगा।

RBI MPC

RBI MPC: यह मीटिंग RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में हो रही है।

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 3 दिन की बैठक आज 4 अगस्त से शुरू हो गई है। यह मीटिंग RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में हो रही है, जिसके निर्णयों की घोषणा 6 अगस्त को की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% का टैरिफ लगाया है और इसके चलते ग्लोबल ट्रेडिंग इकोसिस्टम नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

क्या रेपो रेट में फिर होगी कटौती?

RBI ने अपनी पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। RBI का नीतिगत रुख 'न्यूट्रल' बना हुआ है। हालांकि, इनफ्लेशन में कमी और ग्रोथ से जुड़ी चिंताओं के बढ़ने के साथ अब इस बात पर बहस चल रही है कि केंद्रीय बैंक दरों में एक और कटौती करेगा या इसे रोक देगा।

RBI ने अपनी पिछली तीन बैठकों में रेपो रेट में कटौती की है। इस तरह इस साल ब्याज दरों में कुल 1 फीसदी की कटौती हो चुकी है। फरवरी 2025 में रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% कर दिया गया था। वहीं, अप्रैल 2025 में इसमें एक बार फिर 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की गई जिससे यह 6 फीसदी पर आ गया। सबसे ज्यादा 0.50 फीसदी की कटौती जून 2025 में की गई, जिससे यह घटकर 5.50 फीसदी पर आ गया।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI इस बार रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रख सकता है। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि MPC के पास ब्याज दरों में एक और कटौती पर विचार करने के पर्याप्त कारण हैं। अगर इसमें 0.25 फीसदी की कटौती होती है तो यह घटकर 5.25 फीसदी पर आ जाएगा। यहां समझते हैं क्यों है एक और कटौती की संभावना।

  • ताजा मामला अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का है, जिससे निर्यात प्रभावित हो सकता है और आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ सकती हैं। ऐसे में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में एक और कटौती संभव है।
  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अभी दरें घटाई जाती हैं, तो त्योहारों से पहले कर्ज की मांग बढ़ सकती है। पहले भी दिवाली से पहले ब्याज दरों में कटौती होने पर लोन की डिमांड में तेज बढ़ोतरी देखी गई है।
  • भारत में खुदरा महंगाई पिछले कुछ महीनों से कम हो रही है। जून में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.1% पर आया, जो जनवरी 2019 के बाद से सबसे कम है। इसकी वजह है, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट और पिछले साल के मुकाबले इस साल कीमतों का कम रहना। ऐसे में ब्याज दरें घटाकर डिमांड बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है।

Barclays का अनुमान है कि जुलाई में महंगाई और गिरकर 1.5% तक आ सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में औसत महंगाई बहुत कम हो जाएगी। Barclays ने पूरे साल के लिए महंगाई का अनुमान घटाकर 3.5% कर दिया है, जो RBI के अनुमान 3.7% से भी कम है। कम महंगाई का मतलब RBI के पास अब आर्थिक ग्रोथ को सहारा देने के लिए ब्याज दर घटाने की गुंजाइश है।

होम लोन की EMI पर ब्याज दर घटने का असर

अगर RBI दरें घटाता है, तो इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो घर या बिजनेस के लिए लोन लेना चाहते हैं। इसके साथ ही हाउसिंग मार्केट में माहौल पॉजिटिव और मजबूत होगा। जब महंगाई कम है, तो RBI के पास दरें घटाने का मौका है। पहले ही कई बैंक 8% से कम ब्याज पर होम लोन दे रहे हैं।

अगर दरें और घटती हैं, तो और ज्यादा लोग घर खरीदने के लिए आगे आएंगे। अगर RBI दरें नहीं घटाता, तो भी मौजूदा कम ब्याज वाला माहौल रियल एस्टेट के लिए फायदेमंद है। लोग लोन आसानी से ले पा रहे हैं और घर खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

दुनिया भर में व्यापार पर दबाव है और अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगा दिए हैं। ऐसे में RBI को सोच-समझकर फैसला लेना होगा। जानकारों का मानना है कि RBI फिलहाल 'न्यूट्रल' यानी संतुलित रुख अपनाएगा, लेकिन अगर ग्रोथ और धीमी हुई तो तुरंत कदम उठाने को तैयार रहेगा।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है और सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यह महज संभावना मात्र है।)
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