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5 min read | अपडेटेड August 06, 2025, 10:46 IST
सारांश
RBI MPC: इसके पहले 4 से 6 जून के बीच हुई पिछली बैठक में RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की थी, जिससे यह 5.5% हो गया। यह इस साल की लगातार तीसरी कटौती थी। इसके अलावा, कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 1% घटाकर 3% कर दिया गया और समिति ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख 'Accommodative' से बदलकर 'Neutral' कर दिया।
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ब्याज दरों में इस साल पहले ही कुल 1 फीसदी की कटौती की जा चुकी है। ऐसे में इसे लेकर एक्सपर्ट्स की राय इस बार बंटी हुई है। कुछ एक्सपर्ट्स का अनुमान था कि RBI इस बार रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रख सकता है। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स का मानना था कि MPC ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकती है।
इसके पीछे तर्क यह था कि अमेरिकी टैरिफ के चलते भारत की GDP प्रभावित हो सकती है। ऐसे में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा, त्योहारों से पहले डिमांड बढ़ाने के लिए भी यह निर्णय लिया जा सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती का अनुमान लगाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर अभी दरें घटाई जाती हैं, तो त्योहारों से पहले कर्ज की मांग बढ़ सकती है। पहले भी दिवाली से पहले ब्याज दरों में कटौती होने पर लोन की डिमांड में तेज बढ़ोतरी देखी गई है।
गवर्नर ने कहा कि बैंकों की पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR) 17% से ज्यादा है। नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 3.5% है। लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (LCR) 132% है। गैर-निष्पादित ऋण (GNPA) 2.2% है। क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो 78.9% है।
गवर्नर ने कहा कि पिछली एमपीसी बैठक के बाद से बैंकों के पास औसतन रोजाना 3 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी (liquidity surplus) रही है। इससे पहले के दो महीनों में यह औसत 1.6 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने यह भी बताया कि पिछली बैठक के बाद जो 100 बेसिस प्वाइंट सीआरआर कटौती की गई थी, उससे नकदी की स्थिति और बेहतर होगी।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में देश का वस्तु (Merchandise) व्यापार घाटा और बढ़ गया है। गवर्नर ने यह भी बताया कि इस दौरान भारत में सकल एफडीआई (Gross FDI) स्थिर रहा, लेकिन नेट एफडीआई (Net FDI) घट गया, क्योंकि विदेशों में भारतीय निवेश (Outward FDI) बढ़ गया।
FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। FY26 की पहली तिमाही के लिए यह अनुमान 6.5 फीसदी पर है। दूसरी तिमाही में रियल GDP अनुमान 6.7% पर बरकरार है। इसके अलावा, तीसरी तिमाही के लिए रियल GDP अनुमान 6.60 फीसदी पर और चौथी तिमाही के लिए 6.30 फीसदी पर बरकरार है। गवर्नर ने कहा कि जोखिम दोनों ओर संतुलित और भू-राजनीतिक तनाव बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं। FY27 की पहली तिमाही के लिए 6.60 फीसदी के रियल GDP ग्रोथ अनुमान लगाया गया है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 3.1 प्रतिशत किया। जून में इसके 3.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था। RBI गवर्नर ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति उम्मीद के मुताबिक 4% पर स्थिर रही। चालू खाते के घाटे के टिकाऊ स्तर पर रहने का अनुमान है। गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में कैश सरप्लस है।
FY26 की दूसरी तिमाही के लिए रिटेल महंगाई दर अनुमान 3.4% से घटकर 2.10% कर दिया गया है। तीसरी तिमाही के लिए इसे 3.9% से 3.10 फीसदी किया गया है। चौथी तिमाही के लिए इस अनुमान को 4.40 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट में 1% कटौती का प्रभाव अभी पूरी तरह नहीं दिखा है। घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर फोकस जारी रहेगा।
गवर्नर ने SDF रेट को 5.25 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। इसके अलावा, MSF रेट को भी 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा, RBI का रूख भी न्यूट्रल पर बरकरार रखा गया है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 5.50 फीसदी पर ही बरकरार रहेगा। MPC के सभी सदस्य इसमें कोई बदलाव नहीं करने का पक्ष में रहे।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मानसून सीजन बेहतर है, इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। हम महंगाई पर निर्णायक फैसले लेते रहेंगे।
गवर्नर संजय मल्होत्रा की स्पीच शुरू हो गई है। अब से कुछ ही देर में यह घोषित हो जाएगा कि रेपो रेट में एक और कटौती की जाएगी या नहीं।
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