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MPC में लिए गए फैसलों की कुछ देर में घोषणा करेंगे RBI गवर्नर, क्या फिर सस्ते होंगे लोन?

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 06, 2025, 08:25 IST

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सारांश

इस साल फरवरी से खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 4% प्रतिशत के नीचे बनी हुई है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दरों में बदलाव से पहले आरबीआई को और अनुकूल आंकड़ों का इंतजार रहेगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया फिर करेगा रेपो रेट में बदलाव?

Reserve Bank of India (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा आज मौजूदा फाइनेंशियल ईयर (2025-26) की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे। विश्लेषकों का मानना है कि हाल ही में तीन बार में रेपो दर में कुल 1% की कटौती के बाद इस बार नीतिगत दरों में बदलाव की संभावना कम है। मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में नीतिगत दर पर विचार-विमर्श का सिलसिला सोमवार से ही जारी है। एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा आज सुबह 10 बजे की जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रिजर्व बैंक ब्याज दर को लेकर यथास्थिति बनाए रख सकता है। अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आरबीआई अधिक व्यापक-आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर सकता है। हालांकि, उद्योग जगत के एक तबके को उम्मीद है कि आज रेपो दर में 0.25% अंक की कटौती की जा सकती है।

इस साल फरवरी से लेकर जून तक हुई तीन एमपीसी बैठकों में कुल 1% अंक की कटौती की जा चुकी है। ग्रांट थॉर्नटन भारत में साझेदार विवेक अय्यर ने कहा कि ग्लोबल इकॉनमी परिदृश्य अब भी अस्थिर है और पिछली दर कटौतियों के असर को पूरी तरह देखने के लिए अभी और समय की दरकार है। उन्होंने कहा, ‘सीमा शुल्क से जुड़ी अनिश्चितता के पहलू को आरबीआई पिछली दर कटौती के समय ही ध्यान में रख चुका है। ऐसे में हमें नहीं लगता है कि इसका नीतिगत निर्णय पर तत्काल प्रभाव पड़ना चाहिए।’ आरईए इंडिया (हाउसिंग डॉट कॉम) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण शर्मा ने कहा कि इस साल पहले ही एक प्रतिशत अंक की कटौती हो चुकी है लिहाजा दरों को स्थिर ही बनाए रखने की उम्मीद है।

शर्मा ने कहा, ‘घर खरीदार अब अल्पकालिक ब्याज दरों से कहीं ज्यादा दीर्घकालिक आत्मविश्वास से प्रेरित हैं। रियल एस्टेट डेवलपर भी लचीले भुगतान विकल्पों और सूझबूझ भरे प्रोत्साहनों के जरिये घरों की मांग बनाए हुए हैं।’ एमपीसी में आरबीआई के तीन सदस्यों के रूप में गवर्नर मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन शामिल हैं जबकि बाहरी सदस्यों में नागेश कुमार, सौरभ भट्टाचार्य और राम सिंह शामिल हैं। केंद्र सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 2% घटबढ़ के साथ 4% के दायरे में बनाए रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। इस साल फरवरी से खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 4% प्रतिशत के नीचे बनी हुई है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दरों में बदलाव से पहले आरबीआई को और अनुकूल आंकड़ों का इंतजार रहेगा।

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