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RBI MPC Report: गवर्नर संजय मल्होत्रा आज करेंगे मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट का ऐलान, कब-कहां देखें? डीटेल्स

Upstox

2 min read | अपडेटेड April 09, 2025, 07:41 IST

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सारांश

RBI Monetary Policy Statement: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा तीन दिन की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद रिपोर्ट जारी करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में एक बार फिर कटौती का ऐलान करेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी टैरिफ जैसे फैक्टर्स को देखते हुए एक्सपर्ट्स का मानना है कि फरवरी के बाद दूसरी बार रेट कट का फैसला किया जा सकता है।

मुद्रास्फीति और ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट कट कर सकता है भारतीय रिजर्व बैंक।

मुद्रास्फीति और ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट कट कर सकता है भारतीय रिजर्व बैंक।

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee, MPC) की रिपोर्ट का ऐलान बुधवार को गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि मुद्रास्फीति को घटाने और ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट में 0.25% की कटौती की जा सकती है।

इसके पहले MPC ने फरवरी में 0.25% की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया था जो मई 2020 के बाद रेपो दर में पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला बदलाव था।

6 सदस्यों वाली समिति की रिपोर्ट गवर्नर मल्होत्रा बुधवार सुबह 10 बजे सामने रखेंगे। आम जनता के साथ-साथ बाजार की भी इस पर निगाहें टिकी रहेंगी। रेपो रेट में कटौती की जाती है तो फ्लोटिंग रेट वाले पर्सनल लोन की दरों में भी कटौती की उम्मीद रहेगी।

गवर्नर का संबोधन भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव ब्रॉडकास्ट किया जाएगा। यह RBI के आधिकारिक X (पहले ट्विटर) हैंडल पर भी देखा जा सकेगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे गवर्नर मल्होत्रा प्रेस को भी संबोधित करेंगे।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि समिति अमेरिकी सरकार के भारत समेत करीब 60 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से पैदा होने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा कर रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 26% टैरिफ लगाने के फैसले के बाजार और व्यापार पर असर को समझा जा रहा है।

वहीं, SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार से संबंधित शुल्क बाधाओं, मुद्रा में तेज उतार-चढ़ाव और खंडित पूंजी प्रवाह के परस्पर संबद्ध प्रभावों के कारण वैश्विक वृद्धि को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने भी कहा है कि अमेरिका में भारतीय आयात पर शुल्क लगाए जाने से FY26 के दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ में 0.20-0.40% तक की गिरावट की आशंका है।

इस आर्थिक तनाव का मुकाबला करने के लिए RBI दरों में और कटौती के लिए प्रेरित हो सकता है।

पीरामल समूह के मुख्य अर्थशास्त्री देबोपम चौधरी का कहना है कि घटती अमेरिकी ब्याज दरें, मजबूत रुपया और लक्षित स्तर से नीचे गिरती घरेलू मुद्रास्फीति के मेल का एक दुर्लभ अवसर इस समय दिख रहा है।

चौधरी के मुताबिक केंद्रीय बैंक को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए और दर में 0.50% की कटौती करनी चाहिए।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।