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  1. FY25 में बैंक धोखाधड़ी मामलों में आई कमी, लेकिन करीब ₹36,014 का लगा चूनाः RBI

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FY25 में बैंक धोखाधड़ी मामलों में आई कमी, लेकिन करीब ₹36,014 का लगा चूनाः RBI

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 29, 2025, 16:30 IST

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सारांश

प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने अधिक मामलों की सूचना दी, लेकिन सरकारी स्वामित्व वाले ऋणदाताओं ने धोखाधड़ी के फंड में ‘अधिकतम योगदान’ दिया। नियामक की FY25 की एनुअल रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं, जो FY24 से 34% कम है।

RBI

बैंक धोखाधड़ी के मामले हुए कम, लेकिन ज्यादा पैसों का लगा चूनाः RBI

Reserve Bank of India यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में बैंक धोखाधड़ी में कमी आई है, लेकिन इसमें जो पैसा गया है वह लगभग तीन गुना बढ़ गया है, और ज्यादातर मामले डिजिटल पेमेंट में हुए हैं। प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने अधिक मामलों की सूचना दी, लेकिन सरकारी स्वामित्व वाले ऋणदाताओं ने धोखाधड़ी के फंड में ‘अधिकतम योगदान’ दिया। नियामक की FY25 की एनुअल रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं, जो FY24 से 34% कम है। FY25 में धोखाधड़ी में शामिल फंड 36,014 करोड़ रुपये था, जो लगभग तीन गुना अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2023-24 की तुलना में 2024-25 के दौरान रिपोर्ट की गई कुल धोखाधड़ी में शामिल राशि में वृद्धि मुख्य रूप से पिछले वित्तीय वर्षों के दौरान रिपोर्ट किए गए 18,674 करोड़ रुपये की राशि के 122 मामलों में धोखाधड़ी वर्गीकरण को हटाने और 27 मार्च, 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन को सुनिश्चित करने और फिर से जांच करने के बाद चालू वित्त वर्ष के दौरान नए सिरे से रिपोर्ट करने के कारण हुई।’

RBI द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा 1 लाख रुपये और उससे अधिक की धोखाधड़ी के लिए हैं। इसके अलावा, एक साल में रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी रिपोर्टिंग साल से कई साल पहले हुई हो सकती है। प्राइवेट सेक्टर के ऋणदाताओं ने FY25 में सबसे अधिक धोखाधड़ी के मामले (14,233) रिपोर्ट किए, जो बैंकिंग सेक्टर में सभी मामलों का 59.4% है। सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने 6,935 मामले (29%) रिपोर्ट किए, लेकिन इसमें शामिल राशि 25,667 करोड़ रुपये (कुल का 71.3%) अधिक थी, जबकि प्राइवेट सेक्टर के ऋणदाताओं ने 10,088 करोड़ रुपये की रिपोर्ट की।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले तीन सालों में बैंक समूहवार धोखाधड़ी के मामलों का आकलन करने से पता चलता है कि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने धोखाधड़ी की अधिकतम संख्या की सूचना दी, जबकि पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने धोखाधड़ी की राशि में अधिकतम योगदान देना जारी रखा।’

डेटा से पता चलता है कि FY25 में डिजिटल पेमेंट कैटेगरी में 13,516 धोखाधड़ी हुई, जो बैंकिंग में सबसे अधिक है। इस तरह की धोखाधड़ी कुल मामलों का 56.5% थी और इसमें 520 करोड़ रुपये शामिल थे। एडवांसेज सेगमेंट (7,950 मामले) में कम धोखाधड़ी हुई, लेकिन इसमें शामिल कुल राशि (33,148 करोड़ रुपये) का 92% से अधिक हिस्सा था। RBI के अनुसार, धोखाधड़ी ज्यादातर संख्या के मामले में डिजिटल पेमेंट (कार्ड/इंटरनेट) में और मुख्य रूप से मूल्य के मामले में ऋण पोर्टफोलियो (एडवांसेज) में हुई। कार्ड/इंटरनेट धोखाधड़ी निजी सेक्टर के बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए मामलों में सबसे बड़ी संख्या थी। पब्लिक सेक्टर के बैंकों में धोखाधड़ी मुख्य रूप से ऋण पोर्टफोलियो में थी।

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