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2 min read | अपडेटेड March 05, 2025, 14:56 IST
सारांश
PMI Service Sector: PMI 50 से ऊपर होने पर विस्तार दिखाता है जबकि 50 से कम होने पर सेक्टर में गिरावट के संकेत मिलते हैं। जनवरी में यह 26 महीने में सबसे नीचे 56.5 पर लुढ़क गया था लेकिन फरवरी में 59 पर पहुंच गया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने के कारण सेक्टर में विस्तार देखा गया है। इस दौरान नौकरियां भी तेजी से बढ़ी हैं।
फरवरी में नए ऑर्डर भी जनवरी के मुकाबले तेजी से बढ़े हैं।
जनवरी 2025 के मुकाबले फरवरी में भारत के सर्विस सेक्टर में ज्यादा तेज रफ्तार से विकास हुआ है। ऐसा HSBC इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में पता चलता है। जनवरी में PMI 56.5 पर सिमट गया था जो उसके पहले 26 महीने में सबसे निचले स्तर पर था। यह फरवरी में बढ़कर 59 पर पहुंच गया।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय डिमांड के बल पर फरवरी में भारत की सर्विस सेक्टर ऐक्टिविटी में तेज ग्रोथ दर्ज की गई है। इसके चलते उत्पादन में तेजी से विस्तार हुआ है और रोजगार भी बढ़ा है।
HSBC के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, 'भारत का सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक फरवरी 2025 में बढ़कर 59.0 हो गया, जो जनवरी के 26 महीने के निचले स्तर 56.5 से काफी ऊपर है।'
उन्होंने कहा कि छह महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी वैश्विक मांग ने भारत के सेवा क्षेत्र के लिए उत्पादन वृद्धि को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई। PMI 50 से ऊपर होने पर विस्तार दिखाता है जबकि 50 से कम होने पर सेक्टर में गिरावट के संकेत मिलते हैं।
इंडेक्स के मुताबिक ज्यादा प्रोडक्टिविटी, बढ़ी हुई डिमांड और नए बिजनेस ऑर्डर मिलने से सर्विस सेक्टर में ये विस्तार देखा गया है। फरवरी में नए ऑर्डर जनवरी के मुकाबले तेजी से बढ़े हैं। खासकर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग में इजाफा देखा गया है।
सर्विस प्रोवाइडर्स ने अफ्रीका, एशिया, यूरोप, अमेरिका, मध्य पूर्व के क्लाइंट्स के बीच बढ़ती डिमांड और क्षमता के दबाव में राहत की बात कही है। फुल टाइम और पार्ट टाइम, दोनों स्टाफ नियुक्त किए गए जिससे सेक्टर की ग्रोथ के संकेत मिलते हैं।
हायरिंग की कीमत और खाने, कच्चे माल, पैकेजिंग जैसे खर्च बढ़े हैं, लेकिन कीमत की मुद्रास्फीति चार महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंची है। वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में भी इजाफा हुआ है और ये तीन महीने में सबसे ऊंचे स्तर पर रही हैं। हालांकि, इसके चलते ग्राहकों को महंगाई का सामना करना पड़ा है।
इंडेक्स के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार में तेजी देखी गई है। अडवर्जाइजिंग, कस्टमर रिलेशन्स बेहतर होने से बिजनेस को फायदा हुआ है और एक चौथाई से ज्यादा कंपनियां अगले साल ग्रोथ की उम्मीद कर रही हैं।
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