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4 min read | अपडेटेड October 16, 2025, 11:55 IST
सारांश
क्या भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा? डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको इस बात का आश्वासन दिया है। इन सबके बीच अब सरकार का एनर्जी सोर्सिंग को लेकर कुछ अहम बयान आया है। जिसे इन सब बातों के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है।

सरकार ने एनर्जी सोर्सिंग को लेकर क्या कुछ कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगा, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस बात का आश्वासन दिया है। इन सबके बीच भारत के एनर्जी सोर्सिंग पर टिप्पणियों के जवाब में, आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी एनर्जी सोर्सिंग का व्यापक आधार बनाना और मार्केट की स्थितियों के अनुरूप विविधीकरण करना शामिल है। जहां तक अमेरिका का संबंध है, हम कई सालों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। वर्तमान प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर बातचीत जारी हैं।’
यह टिप्पणी तब आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी दोस्ती की बात भी कही। ट्रंप ने दावा किया है कि उनके दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने इस कदम को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर उस पर दबाव बढ़ाने की दिशा में एक ‘बड़ा कदम’ बताया। बुधवार को अपने ओवल ऑफिस में उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात से खुश नहीं है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। उनका तर्क था कि इस तरह की खरीदारी से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध को वित्तपोषित करने में मदद मिलती है।
एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘वह (मोदी) मेरे दोस्त हैं, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं... हम उनके रूस से तेल खरीदने से खुश नहीं थे क्योंकि इससे रूस को यह बेतुका युद्ध जारी रखने का मौका मिल गया, जिसमें उन्होंने डेढ़ लाख लोगों को खो दिया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है, और (मोदी) ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।’ सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के अनुसार, चीन के बाद भारत रूसी जीवाश्म ईंधन का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है। भारतीय प्रधानमंत्री को ‘एक महान व्यक्ति’ बताते हुए, ट्रंप ने कहा, ‘वह ट्रंप से प्यार करते हैं... मैं नहीं चाहता कि आप प्यार शब्द को किसी और तरह से लें... मैं उनका राजनीतिक करियर बर्बाद नहीं करना चाहता।’ मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए, ट्रंप ने कहा, ‘मैंने सालों से भारत को देखा है। यह एक अविश्वसनीय देश है, और हर साल आपके पास एक नया नेता होता है। कोई कुछ महीनों के लिए वहां रहता है, और यह साल दर साल होता रहा है, और मेरे दोस्त लंबे समय से वहां हैं, और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि रूस से कोई तेल नहीं खरीदा जाएगा।’
ट्रंप ने दावा किया, ‘उन्होंने आगे कहा कि चरणबद्ध तरीके से तेल हटाने में समय लगेगा, लेकिन यह पहले से ही चल रहा है। उन्होंने (मोदी ने) मुझे आश्वासन दिया है कि रूस से कोई तेल नहीं खरीदा जाएगा। मुझे नहीं पता, शायद यह कोई ब्रेकिंग स्टोरी हो। क्या मैं ऐसा कह सकता हूँ?... वह रूस से तेल नहीं खरीद रहे हैं। यह शुरू हो चुका है। वह इसे तुरंत नहीं कर सकते, यह एक छोटा सा प्रोसेस है, लेकिन यह प्रोसेस जल्द ही पूरा हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के बाद भारत मास्को के साथ ऊर्जा व्यापार फिर से शुरू कर सकता है। ट्रंप बोले, ‘अगर भारत तेल नहीं खरीदता है, तो यह बहुत आसान हो जाता है, और वे नहीं खरीदेंगे, उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वे थोड़े समय के भीतर रूस से तेल नहीं खरीदेंगे... और युद्ध समाप्त होने के बाद वे रूस वापस चले जाएंगे।’ पारंपरिक रूप से मध्य पूर्वी तेल पर निर्भर, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस से अपने आयात में उल्लेखनीय वृद्धि कर चुका है।
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