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  1. पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बड़ा खतरा! अमेरिका-चीन की 'डील' से भागे कच्चे तेल के दाम

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पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बड़ा खतरा! अमेरिका-चीन की 'डील' से भागे कच्चे तेल के दाम

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 27, 2025, 09:27 IST

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सारांश

Petrol-Diesel Crude Oil: कच्चे तेल की कीमतों में आज तेज उछाल आया है, जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड-डील की खबर और रूस पर नए प्रतिबंधों से ब्रेंट क्रूड 66 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है।

Petrol-Diesel Crude Oil

अमेरिका-चीन में ट्रेड-डील के फ्रेमवर्क की खबर से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है।

Petrol-Diesel Crude Oil: आम आदमी की जेब पर महंगाई का बोझ बढ़ने का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आज सुबह-सुबह एक चिंताजनक खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को तेज उछाल देखा गया है। कच्चा तेल ही वह रॉ-मटेरियल (कच्चा माल) है जिससे पेट्रोल-डीजल बनता है। ऐसे में कच्चे तेल के महंगा होने से घरेलू बाजार में भी ईंधन के दाम बढ़ने का दबाव पैदा हो गया है।

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क्यों महंगा हुआ कच्चा तेल?

कच्चे तेल की कीमतों में इस उछाल के पीछे दो मुख्य अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। पहला, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और तेल के सबसे बड़े उपभोक्ताओं, अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर थमता नजर आ रहा है। दोनों देशों के आर्थिक अधिकारियों ने कुआलालंपुर में बातचीत के बाद एक ट्रेड-डील का ढांचा (framework) तैयार कर लिया है।

इस खबर से बाजार की यह चिंता कम हो गई है कि दोनों देशों के बीच टैरिफ और निर्यात प्रतिबंधों से वैश्विक आर्थिक विकास (Global Economic Growth) धीमा पड़ सकता है। जब ग्रोथ की उम्मीद बढ़ती है, तो तेल की मांग भी बढ़ती है, जिससे कीमतें चढ़ जाती हैं। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने पुष्टि की कि इस फ्रेमवर्क से चीनी सामानों पर 100% अमेरिकी टैरिफ लगने का खतरा टल जाएगा।

रूस पर लगे प्रतिबंधों का भी असर

कीमतों में तेजी का दूसरा बड़ा कारण रूस पर लगे नए प्रतिबंध हैं। पिछले हफ्ते ही अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil), पर प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के कारण सप्लाई बाधित होने की आशंका से पिछले हफ्ते ही कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी तेजी आई थी। ब्रेंट क्रूड 8.9% और WTI 7.7% चढ़ गया था। आज की तेजी उसी सिलसिले को जारी रख रही है।

कितने बढ़े कच्चे तेल के दाम?

आज सुबह (0027 GMT) ब्रेंट क्रूड वायदा (Brent Crude Futures), जो एक ग्लोबल बेंचमार्क है, 46 सेंट यानी 0.7% चढ़कर 66.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड वायदा भी 46 सेंट (0.75%) की तेजी के साथ 61.96 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। यह बढ़ोतरी पेट्रोल-डीजल की भावी कीमतों के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

बाजार का बदला मिजाज

हाईतोंग सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि रूस पर प्रतिबंधों और अमेरिका-चीन तनाव कम होने से बाजार की उम्मीदें सुधरी हैं। इससे पहले अक्टूबर की शुरुआत में बाजार में तेल की ओवरसप्लाई (अतिरिक्त आपूर्ति) की चिंता थी, जिससे कीमतें गिरी थीं, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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