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  1. कच्चे तेल में उबाल, पेट्रोल-डीजल होगा महंगा? ट्रंप के दावे से दुनिया भर में मची खलबली!

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कच्चे तेल में उबाल, पेट्रोल-डीजल होगा महंगा? ट्रंप के दावे से दुनिया भर में मची खलबली!

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 16, 2025, 09:41 IST

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सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 1% से ज्यादा का उछाल आ गया है। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का वादा किया है, जिससे बाजार में सप्लाई की चिंता बढ़ गई है।

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डोनाल्ड ट्रंप के इस अप्रत्याशित बयान ने तेल बाजार में हड़कंप मचा दिया है।

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में आज सुबह से ही भारी उथल-पुथल मची हुई है। इसका कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक चौंकाने वाला बयान है, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का वादा किया है, जिसके चलते ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) और डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) के वायदा भाव में 1% से अधिक की तेजी आ गई है। इस खबर ने न केवल वित्तीय बाजारों में, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी हलचल पैदा कर दी है।

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क्या है पूरा मामला?

मामले की शुरुआत तब हुई जब राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई है और उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि वे रूस से तेल की खरीद बंद कर देंगे। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय में यूक्रेन युद्ध के बाद लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद, भारत रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़े खरीदारों में से एक बनकर उभरा है। रूस ने भारत को भारी डिस्काउंट पर तेल बेचा, जिससे भारत की रिफाइनरियों और अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिला।

क्यों बढ़ी तेल की कीमतें?

बाजार हमेशा अनिश्चितता और सप्लाई-डिमांड के समीकरण पर चलता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है। अगर भारत जैसा बड़ा खरीदार अचानक रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है, तो उसे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मध्य पूर्व या अन्य उत्पादक देशों का रुख करना पड़ेगा। इससे वैश्विक बाजार में तेल की मांग अचानक बढ़ जाएगी, जबकि सप्लाई उतनी ही रहेगी। इसी आशंका के चलते कि बाजार में तेल की सप्लाई कम हो सकती है, कीमतों में तत्काल उछाल देखने को मिला।

भारत का रुख अभी भी साफ नहीं

इस पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं आया है। भारत हमेशा से अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता रहा है। रूस से सस्ता तेल खरीदना भारत की ऊर्जा सुरक्षा और महंगाई को काबू में रखने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसलिए, विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि भारत इतनी आसानी से रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। हो सकता है कि अमेरिका के साथ किसी व्यापक बातचीत के तहत यह मुद्दा उठा हो, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय लेना भारत के अपने आर्थिक हितों पर निर्भर करेगा। फिलहाल, पूरी दुनिया की नजरें नई दिल्ली के आधिकारिक बयान पर टिकी हैं।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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