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2 min read | अपडेटेड March 18, 2025, 08:53 IST
सारांश
Bank Strike: बैंकिंग सेक्टर से जुड़े संगठनों ने दो दिन की देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। इंडियन बैंकिंग असोसिएशन (IBA) के साथ बातचीत फेल होने पर हड़ताल का ऐलान किया गया है। संगठनों की मांग थी कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में कर्मचारियों और डायरेक्टर के स्तर पर भर्तियां की जाएं। इसके अलावा बैंक बोर्ड्स की स्वायतत्ता को बरकरार रखने पर भी जोर दिया गया।
IBA के साथ बातचीत फेल होने के बाद UFBU ने किया है हड़ताल का ऐलान। (तस्वीर: Shutterstock)
अगले सोमवार और मंगलवार, 24 और 25 मार्च को बैंकिंग सेवाएं ठप हो सकती हैं। दरअसल, बैंकिंग सेक्टर में बदलाव की मांग करते हुए इंडस्ट्री से जुड़े संगठन ने हड़ताल का ऐलान किया है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने इंडियन बैंक्स असोसिएशन (IBA) के साथ बातचीत फेल के बाद हड़ताल का ऐलान किया था। UFBU ने IBA के साथ बातचीत के दौरान अपनी सभी मांगें उठाई थीं। इसमें सभी काडर में रीक्रूटमेंट और 5 दिन के हफ्ते की मांग थी।
हालांकि, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयीज (NCBE) के जनरल सेक्रटरी एल चंद्रसेखर ने बताया कि बातचीत के बावजूद अहम मुद्दे सुलझाए नहीं जा सके। UFBU ने पहले ऐलान किया था कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में वर्कमेन और ऑफिसर डायरेक्टर के पदों की मांगों पर जोर देने के लिए हड़ताल होगी।
बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने यह भी मांग की है कि वित्तीय सेवाओं के विभाग से परफॉर्मेंस रिव्यू और परफॉर्मेंस से जुड़े प्रोत्साहन को लेकर दिए गए निर्देश वापस लिए जाएं। उनका कहना है कि इनकी वजह से नौकरी की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।
UFBU ने पब्लिक सेक्टर बैंकों में माइक्रो-मैनेजमेंट का विरोध भी किया था। उसका कहना था कि ऐसा करने से बैंक बोर्ड्स की स्वायतत्ता कम होगी। इसके अलावा IBA के पास लंबित मुद्दों को सुलझाने और सरकारी कर्मचारियों के लिए योजनाओं के तहत ग्रैच्युटी ऐक्ट के तहत अधिकतम सीमा को ₹25 लाख करने और आयकर से छूट की मांग भी गई थी।
UFBU के तहत ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज असोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयीज (NCBE) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA) आती हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 मार्च को ईद-उल-फितर के मौके पर 33 एजेंसी बैंकों को खुला रहने को कहा है। एजेंसी बैंक सरकार से जुड़े ट्रांजैक्शन करते हैं जैसे पेंशन का भुगतान और टैक्स का कलेक्शन। वित्त वर्ष का आखिरी दिन होने के कारण केंद्र सरकार ने RBI से एजेंसी बैंकों को खुला रखने को कहा था।
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