return to news
  1. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार, ग्रोथ रेट 6 महीने में सबसे ऊपर, निर्यात दे रहा है तेजी

बिजनेस न्यूज़

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार, ग्रोथ रेट 6 महीने में सबसे ऊपर, निर्यात दे रहा है तेजी

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 03, 2025, 17:28 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Manufacturing Sector: सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक PMI जनवरी में 57.7 रहा जो दिसंबर में 56.4 था। फरवरी 2011 के बाद से नए निर्यात ऑर्डर में सबसे तेज वृद्धि से इसे समर्थन मिला।

बजट में भी क्षेत्र को बल देने के लिए उठाए गए हैं कदम।

बजट में भी क्षेत्र को बल देने के लिए उठाए गए हैं कदम।

भारतीय अर्थव्यवस्था को राहत देने वाले आंकड़े सोमवार को सामने आए हैं। HSBC इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक ( HSBC India Manufacturing Purchasing Managers Index, PMI) के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट जनवरी में छह महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now

इंडेक्स के मुताबिक एक्सपोर्ट में करीब 14 साल में सबसे तेज ग्रोथ इसका आधार रहा। मौसमी रूप से समायोजित PMI के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा इनका सिमटना दिखाता है।

सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक PMI जनवरी में 57.7 रहा जो दिसंबर में 56.4 था। फरवरी 2011 के बाद से नए निर्यात ऑर्डर में सबसे तेज वृद्धि से इसे समर्थन मिला।

HSBC के चीफ इंडिया इकॉनमिस्ट प्रांजुल भंडारी के मुताबिक जनवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि घरेलू और निर्यात मांग मजबूत रही, जिससे नए ऑर्डर में वृद्धि को समर्थन मिला।

वहीं, वस्तु उत्पादकों ने नए ऑर्डरों में पर्याप्त वृद्धि का श्रेय बेहतर घरेलू मांग और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में वृद्धि को दिया। इसके बाद, भारत में विनिर्माताओं ने उत्पादन की मात्रा को बढ़ाना जारी रखा। यह वृद्धि अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे तेज है।

कंपनियां भविष्य में उत्पादन की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं। करीब 32% कंपनियों ने वृद्धि का अनुमान लगाया और केवल 1% ने कमी आने की आशंका जाहिर की है। कीमतों की बात करें तो इनपुट कॉस्ट का दबाव 11 महीनों में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया लेकिन मांग में तेजी के कारण बिक्री मूल्यों में मजबूती से वृद्धि हुई।

PMI को S&P ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बजट में समुद्री उत्पाद, रसायन और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में कुछ कच्चे माल पर सीमा शुल्क घटाने से घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर 5% कर दिया गया है।

रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है। इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है। इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30% से घटाकर 20% कर दिया गया है।

इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

(इनपुट: भाषा)
मार्केट में हलचल?
स्मार्ट टूल्स के साथ आगे बढ़ें
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख