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महाराष्ट्र में Colgate उत्पादों पर फूटा FMCG डिस्ट्रिब्यूटर्स का गुस्सा, जेप्टो-स्विगी को ज्यादा डिस्काउंट पर भड़के

Upstox

2 min read | अपडेटेड May 07, 2025, 12:41 IST

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सारांश

स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो, ब्लिंकिट जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भारी डिस्काउंट और बड़ी मात्रा में उत्पादों की सप्लाई को लेकर महाराष्ट्र में FMCG डिस्ट्रिब्यूटर्स नाराज हो गए हैं। व्यापार के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए डिस्ट्रिब्यूटर्स ने कंपनी के उत्पादों की खरीद पर फिलहाल रोक लगा दी है।

AICPDF ने दी चेतावनी, अगर यूं ही चलता रहा तो ये बनेगा देशव्यापी अभियान।

AICPDF ने दी चेतावनी, अगर यूं ही चलता रहा तो ये बनेगा देशव्यापी अभियान।

महाराष्ट्र में कोलगेट पामोलिव (Colgate Palmolive) के सामने अजीब मुश्किल खड़ी हो गई है। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते ट्रेंड और जमीन पर मौजूद अपने डिस्ट्रिब्यूटर्स के बीच कोलगेट पामोलिव फंस गई है। दरअसल, कंपनी के उत्पादों को फिलहाल बेचने से ही डिस्ट्रिब्यूटर्स ने इनकार कर दिया है। डिस्ट्रिब्यूटर्स ने 12 मई से राज्य में कोलगेट पामोलिव के उत्पादों को लेने से रोक दिया है।

राज्य के डिस्ट्रिब्यूचर्स ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि कोलगेट पामोलिव स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो और ब्लिंकिट जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को ताबड़तोड़ डिस्काउंट दिए जा रही है। वहीं, राज्य के डिस्ट्रिब्यूटर्स का कहना है कि इस तरह क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म को प्राथमिकता देना और डिस्काउंट का फायदा पहुंचाना सामान्य व्यापार के हितों के खिलाफ है।

ऑल इंडिया कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) का कहना है कि कोलगेट क्विक कॉमर्स चैनलों, जैसे ब्लिंकिट, जेप्टो और इंस्टामार्ट को 50-60% तक के भारी डिस्काउंट दे रही है और अपना स्टॉक भी बड़ी मात्रा में उन तक पहुंचा रही है। AICPDF देशभर के FMCG संगठनों का संगठन है जिसका कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह कंपनी के खिलाफ इस मुहिम को पूरे देश में पहुंचाएगी।

संगठन का कहना है कि यह सामूहिक कार्रवाई महीनों की निराशा और अनसुलझी शिकायतों के बाद की जा रही है। AICPDF ने चेतावनी भी दी है कि अगर कंपनी सुधारात्मक कार्रवाई शुरू करने में विफल रहती है, तो यह राज्यस्तरीय कार्रवाई जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी अभियान में बदल सकती है, जिससे संभावित रूप से खुदरा दुकानों से कोलगेट उत्पादों को पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा।

फेडरेशन का दावा है कि यह 4.5 लाख से अधिक FMCG वितरकों का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसा करने में वह FMCG उत्पादकों के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्मस के लिए प्रिडेटरी प्राइसिंग और पक्षपात जैसे मुद्दों को उठाती है।

असोसिएशन ने पहले भी इस मुद्दे पर FMCG कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India, CCI) से संपर्क किया था।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।