return to news
  1. PM Van Dhan Yojana: आदिवासी उत्पादों को पंख देती है ₹587 Cr की पीएम वन धन योजना, और क्या फायदे?

बिजनेस न्यूज़

PM Van Dhan Yojana: आदिवासी उत्पादों को पंख देती है ₹587 Cr की पीएम वन धन योजना, और क्या फायदे?

Upstox

3 min read | अपडेटेड March 21, 2025, 13:25 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

PM Van Dhan Yojana: प्रधानमंत्री वन धन योजना आदिवासी समुदायों के रोजगार को सुनिश्चित करते हुए लघु वनोपज (Minor Forest Produce) के मूल्य को बढ़ाने के लिए अहम है। इसके तहत प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और स्किल डिवेलपमेंट पर फोकस किया जा रहा है। जंगलों से मिलने वाले उत्पादों के बेहतर इस्तेमाल से वन संरक्षण की पहल को भी जोर मिलता है।

PM वन धन योजना के जरिए आदिवासी समुदायों की आमदनी बढ़ाने की कवायद। (तस्वीर: Shutterstock)

PM वन धन योजना के जरिए आदिवासी समुदायों की आमदनी बढ़ाने की कवायद। (तस्वीर: Shutterstock)

भारत में जनजातीय समुदायों की आबादी 10.45 करोड़ से ज्यादा है जो कुल आबादी का 8.6% है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत TRIFED इस महत्वपूर्ण आबादी के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए काम कर रहा है।

इसी के तहत साल 2018 में आई प्रधानमंत्री वन धन योजना (Pradhan Mantri Van Dhan Yojana) जिसका लक्ष्य है वन उत्पादों के मूल्य को बेहतर करके जनजातीय समुदायों की आमदनी को बढ़ाने का। अभी तक इस योजना में ₹587 करोड़ का निवेश आ चुका है और योजना से 11.83 लाख से ज्यादा आदिवासियों को फायदा हो चुका है।

क्या है PM वन धन योजना?

PM Van Dhan Yojana के जरिए जनजातीय समुदायों में संग्राहकों को कौशल विकास प्रशिक्षण की ट्रेनिंग, बुनियादी ढांचे का सपॉर्ट और मार्केट तक पहुंच विकसित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

पीएम वन धन योजना के तहत वन धन विकास केंद्र बनाए जा रहे हैं। हर एक केंद्र में 15 स्वयं सहायता समूहों से 300 सदस्य शामिल होते हैं। ये केंद्र लघु वनोपज (Minor Forest Produce, MFPs) की प्रोसेसिंग, मूल्यवर्धन और मार्केटिंग का काम करते हैं।

इसके लिए सबसे पहले MFPs वाले इलाकों को चिन्हित किया जाता है। फिर आदिवासी संग्रहकों को ढूंढा जाता है। सालाना संग्रहण का प्लान बनाने के बाद वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स को फाइनल कर दिया जाता है।

कितनी मिलती है वित्तीय सहायता?

जनजातीय कार्य मंत्रालय की इस केंद्र प्रायोजित योजना के तहत ₹15 लाख आवंटित किए गए हैं। आदिवासी सदस्य स्वामित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ₹1,000 का योगदान करते हैं। सरकार आदिवासी उत्पादों के लिए ब्रांडिंग, पैकेजिंग और वैश्विक बाजार पहुंच का भी समर्थन करती है।

क्या हैं PMVDY के लक्ष्य?

PM वन धन योजना का क्रियान्वन दो चरणों में होता है। पहले चरण में बुनियादी सुविधाओं के साथ आदिवासी जिलों में 6,000 केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य है। वहीं, दूसरे चरण में भंडारण और प्रसंस्करण इकाइयों जैसे बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ सफल केंद्रों का विस्तार किया जाएगा।

क्या हैं PMVDY के फायदे?

PMVDY के तहत जनजातीय समुदायों के लिए रोजगार के मौके पैदा किए जा रहे हैं। जंगलों के पास ही नौकरियां और व्यापार के मौके मिलने से आदिवासी पलायन को भी कम किया जा सकता है। इससे अर्थव्यवस्था तो मजबूत होती है, समुदायों का विकास भी तेजी से होता है।

इसके अलावा ये पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होता है क्योंकि सीमित संसाधनों के मूल्य को बढ़ाकर और ज्यादा बड़े बाजार खोलकर आमदनी में इजाफा किया जा सकता है। वहीं, खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

मार्केट में हलचल?
स्मार्ट टूल्स के साथ आगे बढ़ें
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।