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  1. निर्मला सीतारमण ने बीमा संशोधन विधेयक के संसद में पेश होने पर कही ये बात, समझिए ऐसा हो गया तो क्या बदलेगा?

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निर्मला सीतारमण ने बीमा संशोधन विधेयक के संसद में पेश होने पर कही ये बात, समझिए ऐसा हो गया तो क्या बदलेगा?

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 15, 2025, 09:35 IST

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सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीमा संशोधन विधेयक, जो 100% एफडीआई की अनुमति देगा, संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है। वर्तमान सीमा 74% है। इस बदलाव से विदेशी निवेश बढ़ेगा, बीमा कंपनियों को मजबूती मिलेगी और पॉलिसीधारकों को बेहतर सुरक्षा और सेवाएं मिलने की उम्मीद है।

बीमा संशोधन विधेयक

बीमा संशोधन विधेयक को लेकर क्या बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन?

इंश्योरेंस सेक्टर में सरकार जल्द ही ऐतिहासिक बदलाव करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में बीमा संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। इस विधेयक के जरिए इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का रास्ता खुलेगा।

100% FDI का प्रस्ताव?

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ही इंश्योरेंस सेक्टर को पूरी तरह से खोलने का प्रस्ताव रखा था। अगर यह विधेयक पास हो जाता है तो विदेशी निवेशक भारतीय बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी रख सकेंगे। हालांकि, यह सुविधा केवल उन्हीं कंपनियों को मिलेगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करेंगी। साथ ही, निवेश से जुड़ी सुरक्षा और शर्तों को भी आसान बनाया जाएगा।

इंश्योरेंस सेक्टर में अब तक का निवेश

अब तक भारतीय इंश्योरेंस सेक्टर ने एफडीआई के जरिए 82,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है। भारत में वर्तमान में 25 जीवन बीमा कंपनियां और 34 गैर-जीवन बीमा कंपनियां सक्रिय हैं। इनमें एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी और ईसीजीसी लिमिटेड जैसी विशिष्ट कंपनियां भी शामिल हैं। इससे साफ है कि यह क्षेत्र विदेशी निवेशकों के लिए पहले से ही आकर्षक रहा है।

बीमा अधिनियम 1938, एलआईसी अधिनियम 1956 और इरडा अधिनियम 1999 में संशोधन का प्रस्ताव है। संशोधनों के बाद एलआईसी बोर्ड को शाखा विस्तार और भर्ती जैसे परिचालन फैसलों पर ज्यादा अधिकार मिलेंगे। इसके अलावा बीमा कंपनियों के लिए एक समग्र लाइसेंस की व्यवस्था होगी जिससे नियम सरल होंगे और कारोबार की सुगमता बढ़ेगी।

पॉलिसीधारकों और उद्योग पर क्या होगा असर?

प्रस्तावित बदलावों से बीमा कंपनियों की क्षमता बढ़ेगी और पॉलिसीधारकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से बीमा उत्पाद सस्ते और अधिक विविध हो सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक “सभी के लिए बीमा” सुनिश्चित किया जा सके। विदेशी कंपनियों के प्रवेश से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और बीमा बाजार की पहुंच छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक जाएगी।

बता दें कि इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई सीमा को पहले भी कई बार बढ़ाया गया है। 2015 में इसे 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया। 2021 में इसे और बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया। अब प्रस्ताव है कि इसे पूरी तरह से खोला जाए। इसका मतलब है कि विदेशी निवेशक बिना किसी प्रतिबंध के बीमा कंपनियों पर पूरा नियंत्रण रख सकेंगे।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।