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4 min read | अपडेटेड June 15, 2025, 12:23 IST
सारांश
पर्यटन जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन जगत से विदेशी मुद्रा आय 2023 में 2,31,927 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में 2,77,842 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
आने वाले सालों में पर्यटन उद्योग से भारत करेगा जबर्दस्त कमाई (Photo: Shutterstock)
भारत के तेजी से बढ़ती टूरिज्म इंडस्ट्री का विदेशी मुद्रा आय (Foreign Exchange Earnings, FEEs) में योगदान 2030 तक 4.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है और सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product, GDP) में इसका हिस्सा 7% से अधिक हो सकता है। पर्यटन जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन जगत से विदेशी मुद्रा आय 2023 में 2,31,927 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में 2,77,842 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इंडियन एसोसिएशन ऑफ द टूर ऑपरेटर (आईएटीओ) के अध्यक्ष राजीव गोसेन ने कहा कि भारत में पर्यटन के बढ़ने से विदेशी मुद्रा आय भी लगातार बढ़ रही है, लेकिन अब भी यह सेक्टर अपने उच्चतम स्तर पर नहीं पहुंचा है।
उन्होंने कहा, ‘भारत का पर्यटन क्षेत्र अगले पांच सालों में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। 2024 में विदेशी मुद्रा आय 2,77,842 करोड़ रुपये रही और हम करीब 8-10 % की स्थिर वार्षिक वृद्धि दर की उम्मीद कर रहे हैं। अगर ये रुझान जारी रहे, तो 2030 तक टूरिज्म सेक्टर की विदेशी मुद्रा आय 4,50,000 करोड़ रुपये को पार कर सकती है।’ जीडीपी में योगदान पर उन्होंने कहा, ‘पर्यटन वर्तमान में भारत के जीडीपी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 5-6% का योगदान देता है। पर्यटन मंत्रालय और विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2030 तक इस सेक्टर का योगदान सकल घरेलू उत्पाद में 7% से अधिक हो सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अनुकूल नीतियों के साथ बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण और कौशल विकास में निवेश को प्रोत्साहित करना जारी रखा जाए।’
रोजगार सृजन पर गोसेन ने डब्ल्यूटीटीसी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में इस सेक्टर में लगभग आठ करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कुल रोजगार का लगभग 12 से 13% है। प्रत्यक्ष रोजगार में होटल, विमानन कंपनियां, यात्रा संबंधी एजेंसियों और यात्रा परिचालक और अप्रत्यक्ष रोजगार में निर्माण, खाद्य उत्पादन आदि जैसे सेक्टर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक 10 करोड़ इंटरनेशनल टूरिस्टों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही घरेलू पर्यटन भी तेजी से बढ़ रहा है जिससे अगले पांच सालों में रोजगार सृजन में इसका योगदान 15 से 20% हो सकता है.. खासकर छोटे और मीडियम शहरों में।
गोसेन ने व्यवसाय के दृष्टिकोण पर कहा कि यह सेक्टर अधिक संगठित, टेक ड्रिवेन और कस्टमर सेंट्रिक होता जा रहा है। ‘वेलनेस टूरिज्म’, ‘एडवेंचर ट्रैवल’, ‘हेरिटेज सर्किट’ और ‘लक्जरी एक्सपीरियंस’ जैसे नए ट्रैवल ट्रेड उभरने से ‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुल रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर से 2024 में 96,57,003 लोग भारत आए। यह 2023 की तुलना में 19.80% और 2023 की तुलना में 28.35% की वृद्धि है। इनमें से सबसे अधिक 24.38% लोग अमेरिका से आए थे।
पयर्टन क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु तलवार ने कहा, ‘यह सेक्टर हमेशा से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। ताजा आंकड़ों से यह और साफ हो जाता है। भारत के सड़क, रेल और विमानन इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकसित होने से इसे और बल मिला है। इसके अलावा भारतीय पर्यटन स्थलों का सक्रिय प्रचार है, खासकर युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के जरिए भारत की सुंदरता को दुनिया के सामने लाने में मदद मिली है।’ उन्होंने कहा कि सरकार की बेहतरीन पहल और यात्रियों के समर्थन से भारत एक ‘प्रीमियम’ ग्लोबल टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित हुआ है और आने वाले सालों में इस सेक्टर के कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।
प्रमुख यात्रा समूह एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप एवं आईसीसी विमानन एवं पर्यटन विशेषज्ञ समिति के चेयरमैन डॉ. सुभाष गोयल ने कहा कि विमान सेवाएं ग्लोबल महामारी के बाद काफी हद तक पटरी पर लौट आई हैं लेकिन यह पूरी तरह से शुरू नहीं हुई हैं। गोयल ने कहा कि सभी सेवाएं पूरी तरह बहाल होने और उनमें सुधार जारी रहने से पर्यटन क्षेत्र का विदेशी मुद्रा आय में योगदान आने वाले वर्षों में काफी बढ़ सकता है।
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