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4 min read | अपडेटेड August 07, 2025, 08:19 IST
सारांश
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने के लिए भारत पर 24 घंटे में भारी टैरिफ की घोषणा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस इस तेल बिक्री से हासिल राशि का इस्तेमाल कर रहा है जबकि भारत सस्ता तेल पाने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दे रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
India-USA: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर एक्स्ट्रा 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया, भारत ने इस फैसले को पूरी तरह से अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया है। इस तरह से भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड रिश्तों की गुत्थी और ज्यादा उलझती जा रही है। ट्रंप ने बुधवार को रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत से आयातित चीजों पर एक्स्ट्रा 25% टैरिफ लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला टैरिफ अब बढ़कर 50% हो गया है।
इस कदम से कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा निर्यात जैसे सेक्टर्स पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि ये कदम 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ट्रंप ने पिछले सप्ताह ही 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने इस टैरिफ के लागू होने से चंद घंटे पहले अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।
इस आदेश के बाद कुछ रियायत प्राप्त चीजों को छोड़कर भारतीय वस्तुओं पर कुल टैरिफ 50% हो जाएगा। आदेश में कहा गया है, 'मूल्य के अनुरूप लगाया गया टैरिफ... ऐसे आयातों पर लागू किसी भी अन्य शुल्क, फीस, कर, वसूली और प्रभार के अतिरिक्त होगा।' प्रारंभिक टैरिफ 7 अगस्त से प्रभावी होगा जबकि अतिरिक्त टैरिफ 21 दिन बाद लागू होगा।
ट्रंप ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने के लिए भारत पर 24 घंटे में भारी टैरिफ की घोषणा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस इस तेल बिक्री से हासिल राशि का इस्तेमाल कर रहा है जबकि भारत सस्ता तेल पाने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दे रहा है। ट्रंप ने 30 जुलाई को भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ की घोषणा करते समय भी कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने की वजह से भारत पर अलग से जुर्माना लगाएंगे। आदेश में ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत सरकार इस समय प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रूसी संघ से तेल आयात कर रही है। इसलिए, और लागू कानून के मुताबिक, अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में आयातित भारतीय वस्तुओं पर 25% की अतिरिक्त शुल्क दर लागू होगी।'
भारत अपनी जरूरत का लगभग 88% कच्चा तेल विदेश से खरीदता है। भारत 2021 तक आयातित कुल कच्चे तेल का मुश्किल से 0.2% ही रूस से खरीदता था। लेकिन रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत ने जुलाई में प्रतिदिन लगभग 50 लाख बैरल तेल का आयात किया, जिसमें से 16 लाख बैरल रूस से आया। नए टैरिफ के बाद, अमेरिका में भारत और ब्राजील के उत्पादों पर सबसे अधिक 50% टैरिफ लगेगा। ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी मार्केट में बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि उनका शुल्क कम है।
अमेरिका ने म्यांमार पर 40%, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36%, बांग्लादेश पर 35%, इंडोनेशिया पर 32%, चीन और श्रीलंका पर 30%, मलेशिया पर 25%, फिलीपींस और वियतनाम पर 20% टैरिफ लगाया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिकी दल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाला है। जिन सेक्टर्स को इन टैरिफ से नुकसान होगा, उनमें कपड़ा/ परिधान, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा और जूते, पशु उत्पाद, रसायन, और बिजली और मेकैनिकल मशीनरी शामिल हैं।
हालांकि दवा, ऊर्जा उत्पादों (कच्चा तेल, परिष्कृत ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला और बिजली) महत्वपूर्ण खनिज और इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टरों की एक वाइड रेंज पर ये टैरिफ लागू नहीं होंगे। निर्यातकों के अनुसार इस कदम से अमेरिका को भारत के 86 अरब डॉलर के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, 'यह बेहद चौंकाने वाला कदम है। इससे अमेरिका को भारत के 55% निर्यात पर असर पड़ेगा।' इस घोषणा को प्रस्तावित बीटीए में अमेरिकी मांगों के पक्ष में नई दिल्ली पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, कृषि उत्पादों, डेयरी उत्पादों, सेब और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क में रियायत की मांग कर रहा है।
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