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India-US Trade Talks: क्या सुलझेगा टैरिफ विवाद? क्या अमेरिका के लिए कृषि और डेयरी सेक्टर खोलेगा भारत? ट्रेड टॉक से ये है उम्मीदें

Shubham Singh Thakur

5 min read | अपडेटेड September 16, 2025, 14:23 IST

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सारांश

India-US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच पहला टकराव टैरिफ को लेकर है। अमेरिका चाहता है कि भारत आयात पर लगे टैरिफ कम करे, खास तौर पर कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स पर। लेकिन भारत की बड़ी चिंता है कि ऐसा करने पर उसकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और छोटे किसान प्रभावित हो सकते हैं।

India USA Trade Talks

India USA Trade Talks: रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भी अमेरिका ने भारत पर लगातार सवाल उठाए हैं।

India-US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच आज 16 सितंबर को नई दिल्ली में ट्रेड डील पर फिर से बातचीत शुरू हो रही है। यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी कच्चा तेल खरीदने के चलते 25 फीसदी का अतिरिक्ट टैरिफ लगाया है, जिसकी वजह से भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। ट्रंप ने भारत के प्रति अपने रुख में पिछले कुछ समय में नरमी दिखाई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच विवादित मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा।

इस बैठक में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच अमेरिकी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल भारत के मुख्य वार्ताकार हैं। लिंच अपने भारतीय समकक्ष के साथ एक दिवसीय वार्ता के लिए सोमवार देर रात भारत पहुंचे। टैरिफ लगाए जाने के बाद किसी अमेरिकी व्यापार अधिकारी की यह पहली भारत यात्रा है। भारत ने 50 फीसदी के भारी टैरिफ को अनुचित बताया है।

टैरिफ के चलते घटा भारत का निर्यात

ट्रेड मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में अमेरिका को भारत का निर्यात 6.86 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई में 8.01 अरब डॉलर था। कुल मिलाकर अगस्त में भारत का सामान निर्यात घटकर 35.10 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि जुलाई में यह 37.24 अरब डॉलर था। इसी दौरान व्यापार घाटा (Trade Deficit) कम होकर 26.49 अरब डॉलर पर आ गया। एक्सपोर्टर्स का कहना है कि अमेरिका की ओर से लगाए गए ऊंचे टैरिफ का पूरा असर अगले महीने से दिखेगा।

भारत और अमेरिका के बीच मुख्य मुद्दे और टकराव

भारत और अमेरिका के बीच पहला टकराव टैरिफ को लेकर है। अमेरिका चाहता है कि भारत आयात पर लगे टैरिफ कम करे, खास तौर पर कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स पर। भारत की बड़ी चिंता है कि ऐसा करने पर उसकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और छोटे किसानों को प्रभावित हो सकते हैं।

रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भी अमेरिका ने भारत पर लगातार सवाल उठाए हैं। इसी के चलते टैरिफ भी लगाए गए थे। अमेरिका कहता है कि भारत रूस से तेल खरीदकर युद्ध को समर्थन दे रहा है। वहीं, भारत का कहना है कि यह उसकी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति है।

कृषि और डेयरी सेक्टर भारत के लिए बेहद अहम हैं। भारत जताता रहा है कि इन सेक्टर्स में खुलापन सीमित होगा, क्योंकि इससे देश के छोटे किसानों के हितों को नुकसान होने का खतरा है। भारत लगातार कृषि और डेयरी सेक्टर में बाजार खोलने के अमेरिकी दबाव का विरोध करता रहा है।

कृषि और डेयरी सेक्टर पर अमेरिका ने डिमांड बदली?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि वॉशिंगटन भारत के बड़े डेयरी बाजार में घुसने का इरादा नहीं रखता। उसका फोकस सिर्फ प्रीमियम Cheese बेचने पर है। इनमें ब्लू-वेन्ड, आर्टिजनल और पाउडर चीज़ शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "भारत को दूध या दही निर्यात करना समझदारी नहीं होगी। हम तो खास चीज़ वेराइटी की बात कर रहे हैं।" अमेरिका को उम्मीद है कि भारत इस पर ज्यादा सहज होगा क्योंकि इससे छोटे डेयरी किसानों पर असर नहीं पड़ेगा।

कृषि क्षेत्र में भी अमेरिका अब ज्यादा व्यावहारिक रवैया अपना रहा है। सोमवार को अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने भारत से अमेरिकी मक्का (कॉर्न) के लिए बाजार खोलने की मांग की। उन्होंने कहा, "भारत कहता है कि उसके पास 1.4 अरब लोग हैं। तो क्यों न ये 1.4 अरब लोग अमेरिकी मक्का का एक-एक बुशल खरीदें?" अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा मक्का उत्पादक और निर्यातक है।

ट्रेड टॉक से ये भी हैं उम्मीदें

उम्मीद की जा रही है कि इस वार्ता में कुछ टैरिफ में छूट या बदलाव हो सकता है। ऐसे टैरिफ जो बहुत विवादित या काफी ज्यादा हैं, उन पर फिर से विचार किया जा सकता है। अगर टैरिफ कम होते हैं या व्यवस्था स्पष्ट होती है, तो भारत के निर्यात को राहत मिल सकती है। लेकिन अगर कोई बड़ा समझौता नहीं होता तो निर्यातकों की चुनौतियां बनी रहेंगी।

अधिकारियों का मानना है कि आज की बैठक एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को फिर से पटरी पर लाने का मौका हो सकती है। अब तक भारत और अमेरिका के बीच 5 दौर की बातचीत हो चुकी है, जबकि छठा दौर अगस्त में स्थगित करना पड़ा था।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 11 सितंबर को कहा कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) पर बातचीत दोनों देशों की संतुष्टि के अनुरूप आगे बढ़ रही है। कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने कहा कि राजनयिक, व्यापार और मंत्री स्तर पर बातचीत जारी है और आगे का रास्ता भी इस बैठक में तय किया जाएगा।

व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने सोमवार को कहा कि भारत अब "नेगोशिएशन टेबल" पर आ चुका है। हालांकि हाल के हफ्तों में उन्होंने भारत पर रूस से लाभ कमाने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी पिछले हफ्ते ट्रंप के सकारात्मक बयान का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि चल रही बातचीत भारत–अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को खोल सकती है।

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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.