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4 min read | अपडेटेड December 22, 2025, 14:17 IST
सारांश
India New Zealand FTA: भारत ने हालांकि डेयरी सेक्टर में किसी भी प्रकार की शुल्क छूट नहीं दी है, जो न्यूजीलैंड की एक प्रमुख मांग थी। इस समझौते पर अगले तीन महीनों में हस्ताक्षर होने और इसके अगले साल लागू होने की संभावना है।

भारत-न्यूजीलैंड के बीच एफटीए वार्ता हुई पूरी
भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement, FTA) के लिए बातचीत पूरी होने की सोमवार को घोषणा की जिसके तहत कपड़ा, जूते, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टरों के कई घरेलू सामानों को न्यूजीलैंड में शुल्क-मुक्त पहुंच हासिल होगी। भारत ने हालांकि डेयरी सेक्टर में किसी भी प्रकार की शुल्क छूट नहीं दी है, जो न्यूजीलैंड की एक प्रमुख मांग थी। इस समझौते पर अगले तीन महीनों में हस्ताक्षर होने और इसके अगले साल लागू होने की संभावना है। इसके तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 साल में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश को सुविधाजनक बनाने की प्रतिबद्धता जताई है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘सभी शुल्क श्रेणियों पर शुल्क हटाने से भारत के पूर्ण निर्यात को शुल्क-मुक्त बाजार पहुंच प्राप्त होगी।’ मंत्रालय ने कहा कि इस बाजार पहुंच से वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान और मोटर वाहन सहित भारत के श्रम-प्रधान सेक्टरों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसमें यह भी कहा गया कि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी-सक्षम सर्विसेज, पेशेवर सर्विसेज, शिक्षा, वित्तीय सेवाओं, पर्यटन, निर्माण और अन्य व्यावसायिक सेवाओं सहित उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों की एक विस्तृत सीरीज में प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं। इससे भारतीय सेवा आपूर्तिकर्ताओं और उच्च-कुशल रोजगार के लिए पर्याप्त नए अवसर खुल गए हैं।
एफटीए भारतीय पेशेवरों, छात्रों और युवाओं के लिए प्रवेश और रहने के बेहतर प्रावधान प्रदान करता है। इसमें पढ़ाई के दौरान काम के अवसर, एजुकेशन के बाद काम के रास्ते, समर्पित वीजा व्यवस्था और ‘वर्किंग हॉलिडे’ वीजा ढांचा शामिल है। इसने कुशल व्यवसायों में कार्यरत भारतीय पेशेवरों के लिए एक नए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा मार्ग के माध्यम से कुशल रोजगार के रास्ते भी खोले हैं। इसमें किसी भी समय 5,000 वीजा का ‘कोटा’ शामिल होता है और अधिकतम तीन साल तक का प्रवास संभव होता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘इसमें आयुष चिकित्सकों, योग प्रशिक्षकों, भारतीय रसोइयों और संगीत शिक्षकों जैसे भारतीय व्यवसायों के साथ-साथ आईटी, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं निर्माण जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है जिससे कार्यबल की गतिशीलता एवं सेवा व्यापार को मजबूती मिलेगी।’ इसमें कहा गया कि कीवी फल, सेब और शहद पर समर्पित कृषि-प्रौद्योगिकी कार्य योजनाओं की स्थापना, उत्पादकता वृद्धि, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान सहयोग, गुणवत्ता सुधार एवं मूल्य-श्रृंखला विकास पर ध्यान केंद्रित करना, घरेलू क्षमताओं को मजबूत करना और भारतीय किसानों का समर्थन करना शामिल है।
इस सहयोग में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, बेहतर रोपण सामग्री, उत्पादकों के लिए क्षमता निर्माण और बाग प्रबंधन, फसल कटाई के बाद की प्रथाओं, सप्लाई चेन प्रदर्शन और खाद्य सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी सहायता शामिल है। द्विपक्षीय माल व्यापार 2024-25 में 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल व्यापार 2024 में करीब 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इसमें केवल सेवाओं की हिस्सेदारी 1.24 अरब अमेरिकी डॉलर थी जिसका नेतृत्व यात्रा, आईटी और व्यावसायिक सेवाओं ने किया।
इसमें कहा गया है, ‘यह मुक्त व्यापार समझौता इस रिश्ते की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए एक स्थिर एवं पूर्वानुमानित ढांचा प्रदान करता है।’ वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि भले ही समझौते के लिए औपचारिक दौर की केवल पांच वार्ता आयोजित की गईं लेकिन दोनों पक्ष इसको पूरा करने के लिए निरंतर संपर्क में रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के उनके समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन ने दोनों देशों के बीच एक ‘ऐतिहासिक’ एफटीए पर बातचीत संपन्न होने की सोमवार को घोषणा की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने फोन पर बातचीत की जिसके बाद एफटीए पर वार्ता संपन्न होने की घोषणा की गई। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते के सफल समापन की संयुक्त रूप से घोषणा की।’ इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि नौ महीने के रिकॉर्ड समय में एफटीए का संपन्न होना दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की साझा महत्वाकांक्षा एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
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