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India-Israel BIA: दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता, क्या है स्थानीय उपाय, कैसे भारत को मिलेगा फायदा?

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 09, 2025, 07:43 IST

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सारांश

India-Israel Bilateral investment agreement: भारत और इजराइल के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता हो गया है। इस समझौते के मायने क्या हैं, इससे किस तरह से भारत को फायदा मिलेगा? चलिए समझते हैं।

इजराइल और भारत

भारत और इजराइल के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता, क्या हैं इसके मायने?

भारत और इजराइल ने सोमवार को द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए जिसमें इजराइली निवेशकों के लिए स्थानीय उपायों की समाप्ति अवधि को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया है। इस प्रावधान को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ निवेश समझौते में भी शामिल किया गया था जो पिछले साल लागू हुआ था। स्थानीय उपायों की समाप्ति का मतलब है कि किसी विदेशी निवेशक को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में जाने से पहले मेजबान देश की कानूनी प्रणाली में उपलब्ध उपायों का सहारा लेना अनिवार्य होता है। भारत में इस अवधि को पांच साल रखा गया है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के निवेशकों को भरोसा देने के साथ निवेशों की सुरक्षा, पारदर्शिता, मुआवजा और सुगम ट्रांसफर का प्रावधान करता है। मंत्रालय के मुताबिक, यह निवेश समझौता निवेशकों को न्यूनतम मानक सुरक्षा और स्वतंत्र मध्यस्थता व्यवस्था उपलब्ध कराएगा जिससे व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

किन सेक्टरों में बढ़ेगा आर्थिक सहयोग?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने यहां द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने वित्तीय-प्रौद्योगिकी इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, वित्तीय नियमन और डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी जैसे सेक्टरों में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्षों को व्यापारिक बातचीत बढ़ाकर निवेश के अवसर तलाशने चाहिए ताकि इस समझौते से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके।

इजराइल बना पहला ऐसा देश....

यह समझौता इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि इजराइल 'आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन' (ओईसीडी) का पहला सदस्य देश है जिसके साथ भारत ने ऐसा निवेश समझौता किया है। मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच कुल निवेश लगभग 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर है और यह समझौता द्विपक्षीय निवेश को तेज करने का काम करेगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल, 2000 से जून, 2025 के बीच भारत को इजराइल से 33.77 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है।

किन देशों के साथ निवेश संधियों पर भारत कर रहा है बात?

इसी पीरियड में भारत में कुल एफडीआई फ्लो एक लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जिसने इसे ग्लोबल लेवल पर एक सुरक्षित और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। भारत इस समय सऊदी अरब, कतर, ओमान, स्विट्जरलैंड, रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ सहित एक दर्जन से अधिक देशों के साथ निवेश संधियों पर बातचीत कर रहा है। पिछले साल भारत ने यूएई और उज्बेकिस्तान के साथ निवेश संधियों को लागू किया था।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।