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  1. Household Consumption in India: बेहतर मानसून से बढ़ेगी रफ्तार, अगले कुछ क्वार्टर्स में खपत में उछाल की उम्मीद

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Household Consumption in India: बेहतर मानसून से बढ़ेगी रफ्तार, अगले कुछ क्वार्टर्स में खपत में उछाल की उम्मीद

Upstox

2 min read | अपडेटेड July 29, 2025, 17:59 IST

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सारांश

Household Consumption: रिपोर्ट कहती है कि शहरी खपत स्थिर होती नजर आ रही है। इसके पीछे पर्सनल इनकम टैक्स में बदलाव कर लगभग 10 अरब डॉलर के नीतिगत प्रोत्साहन, RBI की संभावित दर कटौती और कर्ज की बेहतर उपलब्धता जैसे फैक्टर्स को मददगार बताया गया है।

Household Consumption

Household Consumption: यह रिपोर्ट कहती है कि रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ है।

Household Consumption: ग्रामीण क्षेत्रों से मांग मजबूत रहने से देश में अगली दो से तीन तिमाहियों में घरेलू खपत में तेजी आने की उम्मीद है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज ने यह अनुमान जताया। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत मांग, महंगाई में नरमी और सरकारी सामाजिक व्यय जैसे फैक्टर्स से घरेलू उपभोग को बल मिलेगा।

रिपोर्ट कहती है कि बेहतर मानसून से फसल का परिदृश्य सुधरा है और महिलाओं के लाभ पर करीब 20 अरब डॉलर का सामाजिक व्यय होने से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय शक्ति को मजबूती मिली है।

हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि शहरी खपत स्थिर होती नजर आ रही है। इसके पीछे पर्सनल इनकम टैक्स में बदलाव कर लगभग 10 अरब डॉलर के नीतिगत प्रोत्साहन, RBI की संभावित दर कटौती और कर्ज की बेहतर उपलब्धता जैसे फैक्टर्स को मददगार बताया गया है।

यूबीएस इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा, “ग्रामीण गतिविधियों में सुधार के संकेत हैं लेकिन समग्र घरेलू खपत में व्यापक तेजी की उम्मीद करना फिलहाल जल्दबाजी होगी क्योंकि ग्रामीण खपत कुल उपभोग का आधा भी नहीं है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण उपभोग के भीतर भी एक ‘फासला’ देखा जा रहा है जिसमें सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग कमजोर है जबकि ‘प्रीमियम’ उत्पादों की खपत बढ़ रही है।

अप्रैल-जून तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद वास्तविक ग्रामीण मजदूरी वृद्धि छह वर्षों के उच्चतम स्तर 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से कृषि क्षेत्र की लाभप्रदता पर असर पड़ा है।

रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ है। तिमाही आधार पर दोपहिया वाहनों की बिक्री में नौ प्रतिशत और ट्रैक्टर की बिक्री में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा दैनिक उपभोग के सामान (FMCG) की बिक्री भी अच्छी रही है।

वहीं, शहरी उपभोग से जुड़े संकेतकों में जून तिमाही के दौरान कुछ नरमी देखी गई। उपभोक्ता धारणा स्थिर रहने के बावजूद यात्री वाहनों की बिक्री और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई।

रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2026 से लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 55 अरब डॉलर का संभावित भुगतान होने से शहरी मांग में तेजी आएगी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।