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कैसे 27 से महज 12 रह गए पब्लिक सेक्टर के बैंक? 2026 में यह संख्या होने वाली है और भी कम

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 26, 2025, 14:59 IST

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सारांश

इस समय देश में 12 पब्लिक सेक्टर के बैंक हैं। परिसंपत्तियों के आधार पर दुनिया के टॉप 50 बैंकों में देश से सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ही शामिल है। परिसंपत्तियों के आधार पर एसबीआई ग्लोबल लेवल पर 43वें स्थान पर है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

पब्लिक सेक्टर के बैंकों में एकीकरण होगा और तेज

पब्लिक सेक्टर के बैंकों में एकीकरण की प्रक्रिया आने वाले साल में तेज हो सकती है, क्योंकि सरकार ने 2047 तक 'विकसित भारत' के अपने लक्ष्य के तहत देश में अधिक बड़े और विश्वस्तरीय बैंक बनाने की इच्छा जताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि भारत को कई बड़े, विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है और इस दिशा में काम पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा था कि सरकार ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक और पब्लिक सेक्टर के बैंकों के साथ चर्चा शुरू कर दी है, जिससे पब्लिक सेक्टर में एकीकरण के स्पष्ट संकेत मिले हैं। इस समय देश में 12 पब्लिक सेक्टर के बैंक हैं। परिसंपत्तियों के आधार पर दुनिया के टॉप 50 बैंकों में देश से सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ही शामिल है। परिसंपत्तियों के आधार पर एसबीआई ग्लोबल लेवल पर 43वें स्थान पर है। इसके बाद प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक 73वें स्थान पर है।**

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ऐसे 27 से महज 12 रह गए पब्लिक सेक्टर के बैंक

सरकार पहले ही दो चरणों में बैंकों का एकीकरण कर चुकी है, जिससे पब्लिक सेक्टर के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हुआ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया, और आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में शामिल किया गया। इससे पहले देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया था।

प्राइवेट बैंकों में बढ़ा विदेशी पूंजी का प्रवाह

सरकार ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अरुणिश चावला ने उम्मीद जताई है कि रणनीतिक बिक्री मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी। पब्लिक सेक्टर के बैंकों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक दो लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर को पार करने की उम्मीद है। दूसरी ओर, प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में विदेशी पूंजी का बड़ा प्रवाह देखने को मिला। जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन ने मई में यस बैंक में 20% हिस्सेदारी 13,483 करोड़ रुपये में हासिल करने का फैसला किया था। यह सौदा सितंबर में पूरा हुआ। संयुक्त अरब अमीरात के एमिरेट्स एनबीडी बैंक ने अक्टूबर में आरबीएल बैंक में 60% हिस्सेदारी 26,853 करोड़ रुपये में खरीदने का फैसला लिया।

इंश्योरेंस सेक्टर में इस साल क्या कुछ बदला?

इंश्योरेंस सेक्टर की बात करें तो इस साल संसद में सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हुआ, जिससे इस सेक्टर में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता साफ हुआ। जीएसटी दर में कटौती का फायदा इंश्योरेंस सेक्टर को भी मिला।

भाषा इनपुट के साथ
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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