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  1. भारतीय पासपोर्ट की 'ऊंची उड़ान', रैंकिंग में 8 पायदान का आया उछाल, अमेरिका 20 साल में सबसे कमजोर

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भारतीय पासपोर्ट की 'ऊंची उड़ान', रैंकिंग में 8 पायदान का आया उछाल, अमेरिका 20 साल में सबसे कमजोर

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 15, 2025, 11:57 IST

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सारांश

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की दूसरी तिमाही की रैंकिंग आ गई है। भारत के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि उसकी रैंकिंग 8 पायदान सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गई है। वहीं, अमेरिकी पासपोर्ट 20 साल में पहली बार टॉप-10 की लिस्ट से बाहर हो गया है।

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हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नई रैंकिंग सामने आई है।

दुनिया भर के देशों के पासपोर्ट की ताकत बताने वाले हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की दूसरी तिमाही की रैंकिंग जारी कर दी गई है। इस नई सूची में भारत के लिए उत्साहजनक खबर है, क्योंकि भारतीय पासपोर्ट पहले से और ज्यादा शक्तिशाली हो गया है। वहीं, दूसरी तरफ दुनिया की महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका को इस लिस्ट में बड़ा झटका लगा है और उसका पासपोर्ट 20 साल के इतिहास में पहली बार टॉप-10 की सूची से बाहर हो गया है। हमेशा की तरह, एशियाई देशों का दबदबा कायम है और सिंगापुर ने एक बार फिर दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के रूप में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है।

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भारतीय पासपोर्ट की 'ऊंची उड़ान'

ताजा रैंकिंग में भारतीय पासपोर्ट ने शानदार छलांग लगाई है। भारत की रैंक 8 पायदान सुधरकर 77वें स्थान पर आ गई है, जो इस साल की पहली तिमाही (जनवरी 2025) में 85वें स्थान पर थी। इस सुधार का मतलब है कि भारतीय नागरिकों के लिए वैश्विक यात्रा अब थोड़ी और आसान हो गई है। अब भारतीय पासपोर्ट धारक दुनिया के 59 देशों में बिना वीजा या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं। हाल ही में फिलीपींस और श्रीलंका जैसे देशों ने भारतीयों के लिए वीजा-फ्री एंट्री शुरू की है, जिसका फायदा रैंकिंग में देखने को मिला है। यह सुधार सरकार द्वारा वैश्विक संबंधों को मजबूत करने और भारतीयों के लिए यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है।

अमेरिका को ऐतिहासिक झटका

इस साल की रैंकिंग में सबसे चौंकाने वाला उलटफेर अमेरिकी पासपोर्ट की स्थिति है। 20 साल पहले जब यह इंडेक्स शुरू हुआ था, तब से पहली बार अमेरिकी पासपोर्ट टॉप-10 की लिस्ट से बाहर हो गया है। कभी नंबर 1 पर रहने वाला यह पासपोर्ट अब फिसलकर 12वें स्थान पर आ गया है और मलेशिया के साथ यह रैंक साझा कर रहा है। अमेरिकी पासपोर्ट धारकों को अब 180 देशों में वीजा-फ्री पहुंच हासिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की सख्त वीजा नीतियां और दूसरे देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों में आए बदलाव इस गिरावट का मुख्य कारण हैं।

सिंगापुर फिर बना 'किंग'

पासपोर्ट की ताकत के मामले में एशियाई देशों ने अपनी बादशाहत कायम रखी है। सिंगापुर 193 देशों में वीजा-फ्री पहुंच के साथ एक बार फिर दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है। इसके बाद दक्षिण कोरिया (190 देश) दूसरे और जापान (189 देश) तीसरे स्थान पर है। टॉप रैंकिंग में ज्यादातर यूरोपीय देशों के साथ इन एशियाई देशों का होना यह दिखाता है कि वैश्विक यात्रा की स्वतंत्रता के मामले में वे कितना आगे हैं। बता दें कि यह इंडेक्स अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के डेटा का उपयोग करके तैयार किया जाता है और यह बताता है कि किसी एक देश का नागरिक कितने अन्य देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकता है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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