बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड June 03, 2025, 09:14 IST
सारांश
केंद्र सरकार अगले तीन महीनों के अंतर ग्रामीण क्रेडिट स्कोर (GCS) का ढांचा यानी कि फ्रेमवर्क लागू करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जब 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजन 2025-26 पेश किया था, तो इस दौरान उन्होंने ग्रामीण क्रेडिट स्कोर पर चर्चा की थी।
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर फ्रेमवर्क अगले तीन महीनों में हो सकता है लॉन्च
Grameen Credit Score: ग्रामीण क्रेडिट स्कोर को लेकर एक अहम खबर आ रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा है कि केंद्र सरकार अगले तीन महीनों के अंतर ग्रामीण क्रेडिट स्कोर (GCS) का ढांचा यानी कि फ्रेमवर्क लागू करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जब 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजन 2025-26 पेश किया था, तो इस दौरान उन्होंने ग्रामीण क्रेडिट स्कोर पर चर्चा की थी।
सीतारमण द्वारा घोषित इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत में वित्तीय समावेशन को मजबूत करना है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों (Self-help groups) (SHGs) के सदस्यों पर खास ध्यान दिया जाएगा। खबर के मुताबिक ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर ढांचे के विकास और कार्यान्वयन की देखरेख के लिए एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है। सरकार वर्तमान में रोलआउट के साथ आगे बढ़ने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी का इंतजार कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।’
केंद्रीय बजट 2025-26 में ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की घोषणा की गई, जो पब्लिक सेक्टर के बैंकों द्वारा SHG के सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की क्रेडिट जरूरतों के लिए विकसित किया जाने वाला एक ढांचा है। क्रेडिट सूचना कंपनियों (Credit Information Companies) (CICs) द्वारा उपयोग की जाने वाले मौजूदा क्रेडिट स्कोरिंग सिस्टम, डिजाइन के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र के लिए किसी विशेष विचार के बिना सभी व्यक्तिगत उधारकर्ताओं के लिए सामान्य है।
एसएचजी उधारकर्ताओं और ग्रामीण आबादी के क्रेडिट मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया ग्रामीण क्रेडिट स्कोर बेहतर क्रेडिट मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे न केवल एसएचजी बल्कि किसानों और हाशिए के समुदायों सहित ग्रामीण आबादी के लिए औपचारिक क्रेडिट तक पहुंच में सुधार होगा। यह उनके आर्थिक विकास और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार हितधारकों के साथ परामर्श करके ग्रामीण क्रेडिट स्कोर के तौर-तरीकों और रूपरेखाओं पर काम कर रही है।
वहीं यूनियन होम एंड कोऑपरेशन मिनिस्टर अमित शाह ने सोमवार को Agriculture Infrastructure Fund (AIF) के तहत Primary Agricultural Credit Societies (PACS) को ऋण सुविधा का विस्तार करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। दुनिया का सबसे बड़ा सहकारी खाद्यान्न भंडारण नेटवर्क बनाने की योजना की समीक्षा करते हुए शाह ने खाद्य भंडारण योजना में पैक्स की व्यापक भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘पैक्स को इस योजना का अभिन्न अंग बनाना आवश्यक है ताकि उनकी वित्तीय व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।’ राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पोर्टल के अनुसार, वर्तमान में भारत में एक लाख से भी अधिक पैक्स हैं।
देशभर में कृषि अवसंरचना के विकास के लिए मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण प्रदान करने के लिए वर्ष 2020 में एआईएफ को शुरू किया गया था। यह योजना शुरू में 10 साल की अवधि (2020-2030) के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे 2032-33 तक बढ़ा दिया गया है।
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।